


भारत ने ब्रिटेन की एक संसदीय समिति की उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें भारत को ‘दमनकारी देशों’ की सूची में शामिल किया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह रिपोर्ट पूरी तरह से झूठ और बेबुनियाद आरोपों पर आधारित है। उन्होंने साफ कहा कि “हमने रिपोर्ट में भारत के बारे में जो बातें कही गई हैं, उन्हें देखा है। ये दावे असत्यापित और संदिग्ध स्रोतों से निकले हैं, जिनका भारत विरोध का लंबा इतिहास रहा है। इन आरोपों को हम पूरी तरह नकारते हैं।” इससे पहले अमेरिका भी भारत को लेकर इसी तरह की झूठी रिपोर्ट जारी कर चुका है जिसका उसे कड़ा जवाब मिला था।
ब्रिटिश संसद की 'विदेश मामलों की समिति' ने ‘ट्रांस नेशनल रिप्रेशन इन द यूके’ नाम की एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें 12 देशों को ब्रिटेन में दमनकारी गतिविधियों में शामिल बताया गया है। इसमें चीन, रूस और तुर्की जैसे देशों के साथ भारत का भी नाम डाला गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि कुछ विदेशी सरकारें ब्रिटेन में रहने वाले लोगों को धमका रही हैं और उनकी आवाज दबा रही हैं। समिति ने ब्रिटिश सरकार से इस पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। रिपोर्ट में ‘ सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ’ नामक खालिस्तान समर्थक संगठन का भी नाम लिया गया है।
भारत इस संगठन को पहले ही गैरकानूनी घोषित कर चुका है। समिति का दावा है कि पिछले तीन साल में ब्रिटेन में इस तरह की गतिविधियों में 48% की बढ़ोतरी हुई है। ब्रिटेन की सुरक्षा एजेंसी MI5 ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा कि कुछ देश इंटरपोल जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के नियमों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि राजनीतिक विरोधियों को परेशान किया जा सके।भारत ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद, राजनीति से प्रेरित और भारत-विरोधी तत्वों की साजिश बताया है।