


बिहार के दरभंगा जिले से विधायक मिश्रीलाल यादव की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। दरभंगा की विशेष अदालत ने उन्हें मारपीट और गंभीर चोट पहुंचाने के 2019 के पुराने मामले में दो वर्ष की सजा और ₹1 लाख जुर्माना सुनाया था। यह फैसला 27 मई 2025 को घोषित किया गया। इसके बाद विधानसभा सचिवालय ने तत्काल उनका नाम दाखिले से हटा दिया।
मिश्रीलाल यादव ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के टिकट पर अलीनगर सीट से जीत हासिल की थी। बाद में उन्होंने बीजेपी में शामिल हो गए थे। अदालत से दोषी ठहराए जाने और दो साल की सजा मिलने से संविधान के अनुच्छेद 191 एवं जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत उनकी सदस्यता स्वतः समाप्त हो गई।
रिपोर्टेड 29 जनवरी 2019: समैला गांव के उमेश मिश्रा ने यादव और उनके सहयोगी सुरेश यादव पर मारपीट और जानबूझकर चोट पहुंचाने का आरोप लगाया, जिसके बाद FIR दर्ज हुई।
फरवरी 2024 में निचली अदालत ने तीन महीने की जेल और ₹500 जुर्माने की सजा सुनाई।
विधायक ने इस फैसले को अपील किया, लेकिन पीड़ित ने सजा बढ़ाने की मांग की।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए सजा बढ़ाकर दो साल की जेल और ₹1 लाख जुर्माना किया।
27 मई 2025 से यादव की विधायकी प्रभावी रूप से समाप्त मानी गई है, और विधानसभा सचिवालय ने इस अनुसार अधिसूचना जारी कर दी है।