मध्यप्रदेश में सर्दी शनै:-शनै: कदम रख ही रही थी कि बारिश से कदम ठिठक से गए। हालांकि सर्दी के यह कदम जल्द रफ्तार पकड़ेंगे। चक्रवाती हवाओं व बारिश के साथ अब प्रदेश और देश में सर्दी का असर बढऩे की संभावना भी है, लेकिन इससे पहले किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें जरूर खिंच गई हैं। वजह है फसलों को नुकसान। कई जिलों में खेतों में कटने को तैयार और कट चुकी फसलों को नुकसान हुआ है।
चक्रवाती तूफान मोथा लेने वाला है रौद्र रूप
विशेषज्ञों के अनुसार अभी पूरे सप्ताह मौसम का मिजाज ऐसा ही रह सकता है। दरअसल, यह पोस्ट मानसून सीजन की बारिश है। अरब सागर की ओर एक डीप डिप्रेशन बना हुआ है। बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान मोथा के सक्रिय होने की संभावना है। इसके कारण प्रदेश में नमी आ रही है और बारिश हो रही है। इंदौर में शनिवार रात से छाए बादल रविवार सुबह बरस पड़े। दोपहर तक रिमझिम होती रही। 24 घंटे में लगभग 11 मिमी बारिश हुई।
मावठा नहीं, पोस्ट मानसून की बारिश
कृषि विशेषज्ञ का कहना है, यह मावठा नहीं है। सर्दियों में होने वाली बारिश मावठा होता है। एक दृष्टि से देखा जाए तो बारिश फायदेमंद रहेगी। गेहूं, चना, मसूर के लिए खेत तैयार हो रहे हैं। पलेवा के लिए सिंचाई की जरूरत नहीं होगी। जिनकी बुआई होकर फसल निकल आई है, उसके लिए सिंचाई हो जाएगी।
यहां बारिश की संभावना
MP के मंदसौर, नीमच, शिवपुरी, दतिया, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर कला में कहीं-कहीं भारी बारिश का अलर्ट है । भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर आदि जगह भी बारिश के आसार जताए हैं। वहीं इन जिलों के अतिरिक्त अन्य 13 जिलों में भी कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश के साथ ही बूंदाबांदी हो सकती है।