


कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने 13 अक्टूबर को हुई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में कई बड़े बदलावों को मंजूरी दी है। अब कर्मचारी अपने PF खाते में जमा पूरी राशि निकाल सकेंगे। पहले ये सुविधा केवल कुछ खास परिस्थितियों में ही उपलब्ध थी, लेकिन अब निकासी को तीन प्रमुख श्रेणियों में आसान बनाया गया है
आवश्यक जरूरतें
हाउसिंग जरूरतें
विशेष परिस्थितियां
अब खाते में 25% राशि रखना अनिवार्य
पहले बेरोजगारी, प्राकृतिक आपदा जैसे विशेष कारण बताना जरूरी होता था, लेकिन अब बिना कारण बताए भी निकासी की जा सकती है। हालांकि, EPFO के नए नियमों के अनुसार खाते में कम से कम 25% बैलेंस बनाए रखना होगा।
इससे खाताधारक को 8.25% वार्षिक ब्याज और कंपाउंड इंटरेस्ट का लाभ मिलता रहेगा। साथ ही PF निकासी के लिए अब किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी। EPFO ने पूरी प्रक्रिया को Automatic Settlement System के तहत डिजिटल और सरल बनाया है।
डिजिटल प्लेटफॉर्म EPFO 3.0 और मोबाइल सुविधा
EPFO अब अपने EPFO 3.0 डिजिटल प्लेटफॉर्म के तहत मोबाइल ऐप, क्लाउड सिस्टम, और पारदर्शी प्रोसेस शुरू करने जा रहा है, जिससे PF से जुड़ी सेवाएं कहीं से भी, कभी भी, आसानी से ली जा सकेंगी।
पेंशनर्स के लिए घर बैठे डिजिटल सुविधा
EPFO ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के साथ करार किया है, जिससे EPS-95 पेंशनर्स अब घर बैठे मुफ्त में Digital Life Certificate जमा कर सकेंगे।
साथ ही विश्वास योजना के अंतर्गत जुर्माने की दर घटाकर सिर्फ 1% प्रति माह कर दी गई है। यह योजना 6 महीने तक चलेगी, जिसे आवश्यकतानुसार बढ़ाया जा सकता है।
EPFO के पुराने नियम क्या थे?
नौकरी छोड़ने पर PF की पूरी निकासी संभव थी
पहले, अगर कोई कर्मचारी नौकरी छोड़ने के बाद 2 महीने तक बेरोजगार रहता, तो वह पूरा PF निकाल सकता था। अब नए नियमों के तहत पूरी निकासी के बजाय आंशिक रोक या ट्रांसफर की सलाह दी जाती है।
नौकरी बदलने पर नया PF खाता बनता था
पहले हर नई कंपनी में PF के लिए नया खाता नंबर बनता था। बाद में UAN लागू होने के बाद एक ही UAN से सभी खातों को लिंक किया गया। पहले इस प्रक्रिया में मैन्युअल ट्रांसफर और आवेदन करना पड़ता था।
आंशिक निकासी की सीमित वजहें थीं
PF की आंशिक निकासी केवल कुछ मामलों में होती थी —
घर खरीदना या बनवाना (5 साल की सेवा के बाद)
शादी या उच्च शिक्षा
गंभीर बीमारी (कर्मचारी या परिवार की)
रिटायरमेंट के 1 साल पहले
इन सभी के लिए फॉर्म-31 भरना होता था और कई बार नियोक्ता की अनुमति भी जरूरी होती थी।
ब्याज मिलने की समय सीमा
पहले अगर PF निकासी के लिए 3 साल तक आवेदन नहीं किया, तो खाते पर ब्याज मिलना बंद हो जाता था। अब इस नियम में लचीलापन लाया गया है।
सेवानिवृत्ति के बाद पूरी निकासी
रिटायरमेंट (58 वर्ष की आयु) के बाद कर्मचारी PF की पूरी राशि एकमुश्त निकाल सकता था। यह नियम अब भी वैसा ही है, लेकिन अब पेंशन फंड में ट्रांसफर का विकल्प भी दिया जा रहा है।