


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रानी दुर्गावती को वीरता और पराक्रम की प्रतीक बताते हुए कहा कि वे मां दुर्गा के समान शक्ति और साहस की मूरत थीं। लगभग 500 वर्ष पूर्व जन्मी रानी दुर्गावती ने आदिवासी क्षेत्र की नारी सशक्तिकरण की मिसाल कायम की। उनके पिता ने उन्हें घुड़सवारी, तलवारबाजी और युद्ध कौशल में पारंगत बनाया था। सीएम डॉ. यादव मंगलवार को जबलपुर के नर्रई नाला स्थित वीरांगना रानी दुर्गावती की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित कर बारहा ग्राम में आयोजित समारोह में शामिल हुए।
भोपाल के वन विहार के समान बनेगा आधुनिक चिड़ियाघर
मुख्यमंत्री ने बताया कि जबलपुर के ठाकुरताल क्षेत्र में भोपाल के वन विहार की तर्ज पर एक आधुनिक चिड़ियाघर और वन्यप्राणी रेस्क्यू सेंटर बनाया जाएगा, जिसका नाम ‘रानी दुर्गावती रेस्क्यू सेंटर’ होगा। यह सेंटर गोंडवाना साम्राज्य की वीरांगना रानी दुर्गावती को समर्पित होगा। राज्य सरकार महान हस्तियों का सम्मान करते हुए इस परियोजना को आगे बढ़ा रही है। इसी के साथ नगर निगम जबलपुर को मैराथन आयोजन के लिए 5 लाख रुपए, तथा कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रत्येक लोक कलाकार को 5-5 हजार रुपए प्रदान करने की भी घोषणा की।
स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होंगी रानी दुर्गावती की वीरता की कहानियां
सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार ने रानी दुर्गावती के नाम पर मोटे अनाज के प्रोत्साहन की योजना शुरू की है। उन्होंने बताया कि रानी दुर्गावती ने अपने जीवनकाल में 52 लड़ाइयां लड़ीं, जिनमें से 51 में विजय प्राप्त की। उनके गोंडवाना साम्राज्य में 23 हजार गांव शामिल थे। उन्होंने तीन बार मुगल सेना को पराजित किया। राज्य सरकार उनकी वीरता की कहानियों को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है। उन्होंने जल संरक्षण में किए गए उनके प्रयासों को भी याद किया।
मैराथन विजेताओं को सम्मानित किया
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने रानी दुर्गावती मैराथन दौड़ के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले धावकों को चेक और प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए।