


मालेगांव बम धमाके मामले में गुरुवार को NIA स्पेशल कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया। इस मामले की मुख्य आरोपी बीजेपी की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर थीं, जिन्हें अब निर्दोष करार दिया गया है। बरी होने के बाद साध्वी प्रज्ञा भावुक हो गईं और उन्होंने इसे "भगवा की जीत" बताया।
मालेगांव ब्लास्ट: 17 साल बाद सभी आरोपी बरी
यह फैसला 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में हुए धमाके के 17 साल बाद आया है। कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि NIA तमाम आरोपों को साबित करने में नाकाम रही। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि "आतंकवाद का कोई रंग या धर्म नहीं होता।" जिन 7 आरोपियों को बरी किया गया है, उनमें साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के अलावा कर्नल प्रसाद पुरोहित, रमेश उपाध्याय, अजय राहिलकर, सुधाकर चतुर्वेदी, समीर कुलकर्णी शामिल थे।
साध्वी प्रज्ञा: ये भगवा की जीत है
बरी होने के बाद कोर्ट में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर रो पड़ीं। उन्होंने कहा, "मुझे 13 दिन तक टॉर्चर किया गया, मैंने इतना अपमान सहन किया। मैं संन्यासी जीवन जी रही थी, हमें आतंकवादी बना दिया गया।" उन्होंने आगे कहा, "जिन लोगों ने कानून में रहते हुए हमारे साथ गलत किया, उनके खिलाफ भी बोल नहीं सकती। 17 वर्षों से संघर्ष कर रही हूं, भगवा को कलंकित किया गया।"