सरकार ने मोबाइल फोन में संचार साथी ऐप के प्री-इंस्टॉलेशन की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। यह ऐप उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के साथ ही लोगों को साइबर अपराधियों की हरकतों की सूचना देने के जनभागीदारी में भी सहायक है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऐप का उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के अलावा कोई अन्य इस्तेमाल नहीं है और लोग जब चाहें तब इसे हटा सकते हैं।
यह जानकारी संचार मंत्रालय की ओर से आज बुधवार को दी गई।
संचार मंत्रालय के अनुसार, इस ऐप को अब तक 1.4 करोड़ उपयोगकर्ता डाउनलोड कर चुके हैं और यह हर रोज धोखाधड़ी की दो हजार कोशिशों की सूचना देकर उन्हें नाकाम करने में योगदान दे रहा है। इस ऐप के इस्तेमाल करने वालों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है और इसे इंस्टॉल करने का आदेश इस प्रक्रिया में तेज़ी लाने और अल्प जागरूक लोगों तक ऐप को सुगमता से सुलभ बनाने के लिए दिया गया था।
पिछले एक दिन में ही, छह लाख लोगों ने संचार साथी ऐप डाउनलोड करने के लिए पंजीकरण कराया है, जो इसके उपयोग में 10 गुना वृद्धि दर्शाता है। यह सरकार द्वारा इस ऐप के माध्यम से लोगों को प्रदान की गई आत्म-सुरक्षा के प्रति विश्वास की पुष्टि करता है।
बुधवार को एक बयान जारी कर मंत्रालय ने कहा कि संचार साथी की बढ़ती स्वीकार्यता को देखते हुए सरकार ने मोबाइल निर्माताओं के लिए इस ऐप का प्री-इंस्टालेशन अनिवार्य न बनाने का निर्णय लिया है।