


सुप्रीम कोर्ट ने सड़कों पर आवारा घूम रहे खूंखार आवारा कुत्तों को लेकर आदेश दिया है। आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद बहस का दौर चल पड़ा है। प्रदेश के 16 नगर निगम, 99 नगर पालिका परिषद और 298 नगर परिषद में से किसी के पास भी शेल्टर होम नहीं है। जबकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं कि खूंखार डॉग्स को आबादीसे दूर सुरक्षित स्थान पर रखा जाए।
बात करें एमपी राजधानी भोपाल की तो यहां भी ऐसे हजारों आवारा कुत्ते हैं, जो राहगीरों के लिए खतरा बनते रहते हैं। ऐसे में अब यह बात निकलकर सामने आई है कि राजधानी भोपाल में इन कुत्तों का कहां रखा जाए? भोपाल में कोई भी शेल्टर होम नहीं है, जहां कुत्तों को रखा जा सके। ऐसे में इस निगम प्रशासन आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में रखने में असमर्थ दिख रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश में मचा हड़कंप
अब जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश आए हैं तो भोपाल नगर निगम की वेटरनरी शाखा में फिर हलचल मच गई है। इस योजना की फाइल ढूंढी जा रही है। पिछले कुछ दिन से कर्मचारी फाइल को ढूंढ रहे हैं। लेकिन अब तक फाइल किसी को नहीं मिली। चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले साल बनी शेल्टर होम बनाने की फाइल निगम कार्यालय से गायब है।