


उज्जैन की ऐतिहासिक पहचान और मध्य प्रदेश के प्रमुख विश्वविद्यालयों में शामिल विक्रम विश्वविद्यालय का नाम अब आधिकारिक रूप से बदल दिया गया है। इसे अब सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाएगा। यह निर्णय मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में प्रस्तुत नाम परिवर्तन प्रस्ताव के सर्वसम्मति से पारित होने के बाद लिया गया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पहले ही विश्वविद्यालय का नाम सम्राट विक्रमादित्य के नाम पर रखने की घोषणा की थी। अब यह घोषणा विधिवत रूप से अमल में लाई गई है।
विधानसभा में विधेयक पारित
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार द्वारा विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत किया गया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इस विधेयक को भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस, दोनों दलों के विधायकों का समर्थन मिला।
हालाँकि सरकार इस नाम परिवर्तन का निर्णय पहले ही ले चुकी थी, लेकिन इसे औपचारिक रूप से मानसून सत्र के दौरान प्रस्तुत किया गया और विधायी प्रक्रिया के तहत पारित कर दिया गया।