


दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर आज बुधवार को खतरे के निशान को पार कर गया, जिससे कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई। निचले इलाकों में रह रहे हजारों लोगों को प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमों ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और राहत शिविर स्थापित किए गए।
सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में यमुना खदर, मयूर विहार फेज-1 और निगम बोध घाट शामिल हैं। बाढ़ का पानी मठ बाजार (Monastery Market) और आसपास के आवासीय व व्यावसायिक क्षेत्रों में भी घुस गया है। यमुना बाजार में भी लोगों को घर छोड़कर राहत शिविरों में जाना पड़ा। वहीं, उत्तर-पूर्वी दिल्ली के पुराने उस्मानपुर और गरही मेन्डू गांवों के लोग और उनके मवेशी भी बाढ़ से प्रभावित हुए।एनडीआरएफ कमांडेंट ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि “कल रात से हमारी टीमें यहां तैनात हैं। अब तक कई लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। चार टीमें इस वक़्त राहत और बचाव कार्य में लगी हैं, जबकि 14-18 टीमें स्टैंडबाय पर हैं।”
वहीं दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर-167 के आसपास भी यमुना नदी का पानी भर गया है। जल संसाधन विभाग के अनुसार, दिल्ली में यमुना का चेतावनी स्तर 204.5 मीटर है, जबकि खतरे का स्तर 205.33 मीटर पर होता है। 206 मीटर से ऊपर पहुंचते ही बड़े पैमाने पर निकासी शुरू हो जाती है। लगातार बारिश के कारण जलस्तर में और वृद्धि हो रही है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया है कि आज “आम तौर पर बादल छाए रहेंगे और मध्यम बारिश होगी।” 4 सितंबर को “बिजली के साथ बारिश”, 5 सितंबर को “मध्यम बारिश”, 6 सितंबर को “बिजली के साथ बारिश”, और 7 व 8 सितंबर को “आम तौर पर बादल छाए रहने” का अनुमान है।