अमावस्या तिथि आरंभ: 31 अक्टूबर 2024, गुरुवार की दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से
अमावस्या तिथि समापन: 01 नवंबर 2024, शुक्रवार की शाम 6 बजकर 16 मिनट तक
पूजा का शुभ मुहूर्त
प्रदोष काल में मुहूर्त 31 अक्टूबर 2024, गुरुवार की शाम 05 बजकर 35 मिनट से रात 08 बजकर 11 मिनट तक। वृषभ काल में मुहूर्त 31 अक्टूबर 2024, गुरुवार की शाम 06 बजकर 21 मिनट से रात 08 बजकर 17 मिनट तक। निशिता काल में मुहूर्त 31 अक्टूबर 2024, गुरुवार की शाम रात 11 बजकर 39 मिनट से देर रात 21 बजकर 31 मिनट तकइस विधि से करें पूजा
दिवाली पर शाम के समय सबसे पहले पूर्व दिशा या ईशान कोण में एक चौकी रखें, फिर इस चौकी पर लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाएं।
इसके बाद भगवान गणेश की मूर्ति को विराजित करें और दाहिन तरफ माता लक्ष्मी की मूर्ति रखें।
लक्ष्मीजी के पास चावलों पर जल से भरा कलश रखें।
दो बड़े दीपक रखें। एक में घी भरें व दूसरे में तेल।
एक दीपक चौकी के दाईं ओर रखें व दूसरा मूर्तियों के चरणों में रखें।
इसके अलावा एक दीपक गणेशजी के पास रखें।
Comments (0)