शुभ मुहूर्त
तिथि प्रारंभ: 30 अक्टूबर 2024, बुधवार की दोपहर 01 बजकर 15 मिनट से
तिथि समाप्त: 31 अक्टूबर 2024, गुरुवार की दोपहर 03 बजकर 52 मिनट तक
पूजा मुहूर्त: 30 अक्टूबर की शाम 04 बजकर 36 मिनट से 6 बजकर 15 मिनट तक
मान्यता?
इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है और उनके नाम का दीपक जलाने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, नरक चतुर्दशी की पूजा करने से मृत्यु के बाद नरक में जाने से बचा जा सकता है। ऐसा भी कहा जाता है कि, इस दिन जो व्यक्ति यमराज की पूजा करता है और दीपक जलाता है तो उस व्यक्ति को जीवन में आने वाली सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है। साथ ही अकाल मृत्यु का खतरा टल जाता है।इस विधि से करें पूजा
नरक चतुर्दशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और नित्यक्रिया के बाद शरीर में तेल लगाकर स्नान करें।
इस दिन किसी पवित्र नदी या गंगाजल और अपामार्ग युक्त पानी से स्नान करना चाहिए।
इस दिन विधि- विधान के साथ यमराज की पूजा करें।
पुराणों के अनुसार, इसी दिन श्रीकृष्ण ने 16,000 गोपियों को नरकासुर राक्षस की कैद से छुड़ाया था, इसलिए इस दिन भगवान कृष्ण की भी पूजा करने का विधान है।
घर की दक्षिण दिशा साफ करके शाम को यमराज के नाम का दीपक जलाएं।
नरक चतुर्दशी की शाम को दीपदान करने की परंपरा भी है।
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