ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना जाता है। इसे सभी नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि और बृहस्पति देव हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब बुधवार को पुष्य नक्षत्र आता है, तो इसे बुध-पुष्य नक्षत्र कहते हैं। यह 27 नक्षत्रों में आठवां नक्षत्र है। इस दिन किए गए कामों में सफलता मिलती है। मान्यता है कि इस दिन आसमान से अमृत बरसात है। इसलिए इस योग में सोना, चांदी, लोहा और कपड़े खरीदना शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस दिन कार्यों का 10 गुना अधिक फल मिलता है साथ ही भाग्य भी मजबूत होता है।
कब लगगे बुध पुष्य नक्षत्र?
हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, साल के आखिरी बुध पुष्य नक्षत्र की शुरुआत बुधवार 18 दिसंबर रात्रि 12 बजकर 44 मिनट पर होगी। जिसका समापन अगले दिन यानी गुरुवार 19 दिसंबर को रात्रि 12 बजकर 58 मिनट पर होगा. साल का अंतिम पुष्य नक्षत्र 18 दिसंबर 2024, दिन बुधवार को पूरे दिन रहेगा।
बुध पुष्य नक्षत्र उपाय
वैसे तो बुध पुष्य नक्षत्र मे खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना जाता है। अगर इस दिन भगवान गणेश को सवा या 100 ग्राम गुड़, 5 इलायची और 5 हल्दी का गांठ चढ़ाते हैं, तो इससे आपकी कुंडली में बुध, मंगल और गुरु ग्रह मजबूत होता है और मान्यता है कि धन लाभ के योग बनते हैं।
दुख और परेशानियां होंगी दूर
अगर आपके जीवन में बार-बार परेशानियां और दुख आते हैं। ऐसा कुंडली में गुरु और शनि दोष के कारण भी हो सकता है। ऐसे में पुष्य नक्षत्र में अपने हाथों से खीर बनाएं। उस खीर को सबसे पहले भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को अर्पित कर। उसके बाद खुद उस खीर का सेवन करें। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के सभी दुख परेशानियां दूर होती हैं और जल्दी ही जीवन में खुशियां वापस आती हैं।
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