आज हरियाली तीज है। हिंदू धर्म में हरियाली तीज का बहुत महत्व है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। मान्यता के अनुसार, सावन शुक्ल पक्ष की तृतीया को भगवान शिव ने पार्वती माता को पत्नी रूप में स्वीकार किया था, इसलिए हिंदू धर्म में यह एक पर्व महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि इस दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्यवती का वरदान पाने के लिए व्रत रखती हैं। महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और भोलेबाबा व माता पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं। हरियाली तीज की पूजा में विशेष भोग लगाने की परंपरा भी है, जिससे माता पार्वती व महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
विशेष भोग लगाने की परंपरा
हरियाली तीज के दिन माता पार्वती और भगवान शंकर की पूजा करने के बाद विशेष भोग लगाने की परंपरा है। हरियाली तीज के दिन भगवान शिव व माता पार्वती को सूजी का हलवा, खीर, पंचमेवा दुबला घास, जनैव, शहद आदि चढ़ाना चाहिए। इन चीजों का भोग लगाने से माता पार्वती और महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पति की तरक्की के योग बनते हैं।
सूजी का हलवा
हरियाली तीज के दिन सूजी के हलवे का भोग लगाना बेहद शुभ माना जाता है। भगवान शिव को सफेद वस्तु से बनी चीज बेहद पसंद है।
खीर
भगवान शिव और माता पार्वती को खीर बहुत पसंद है। खीर का भोग लगाने से महादेव जल्द प्रसन्न होते हैं, इसलिए इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती को खीर का भोग लगाया जाता है।
पंचमेवा
पंचमेवा यानी काजू, बादाम, किशमिश, छुहारा और मखाना को मिलाकर भगवान शंकर और माता पार्वती को पंचमेवा का भोग लगाने से बल, बुद्धि, धन, सफलता, समृद्धि बढ़ती है।
शहद
हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती को शहद का भी भोग लगाने की परंपरा है। पूजा करने के बाद ब्राह्मण को दान करने से सुख संपत्ति में वृद्धि होती है।
मालपुआ
हरियाली तीज पर महिलाएं परिवार में सुख, शांति और पति की तरक्की के लिए भगवान शिव और माता पार्वती को मालपुए का भोग लगाएं।
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