श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का पावन पर्व मनाया जाएगा। रक्षाबंधन का पर्व भाई बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती हैं और भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देते हैं। अक्सर देखा गया है कि राखी के इस त्योहार पर भद्रा का साया पड़ जाता है, जिस कारण राखी बांधने का समय कम हो जाता है। दरअसल भद्राकाल में रक्षाबंधन का पर्व मनाना अशुभ माना जाता है। यही कारण है जब भी भद्राकाल पड़ता है बहनें शुभ मुहूर्त पर ही राखी बांधती है। आइए जानते हैं इस बार भद्रा का साया है या नहीं। इसी क्रम में आगे जानते हैं भद्रा कौन थीं और उनका साया अशुभ क्यों है।
भद्राकाल में रक्षाबंधन का पर्व मनाना अशुभ माना जाता है। यही कारण है जब भी भद्राकाल पड़ता है बहनें शुभ मुहूर्त पर ही राखी बांधती है।
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