गणेशोत्सव, जो भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख पर्व है। यह पर्व पूरे देश में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा हैं। आपको बता दें कि, यह पर्व 7 सितंबर 2024 से प्रारंभ हो चुका है और इसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन होगा। यह पर्व 10 दिनों तक बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। गणपति बप्पा को घरों, पंडालों और सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित किया जाता है, जहां भक्तगण उनकी विधिपूर्वक पूजा करते हैं।
अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर 2024 को है
अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। इस वर्ष अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर 2024 को पड़ रही है, और इस दिन गणपति विसर्जन की परंपरा निभाई जाएगी। विसर्जन एक विशेष अनुष्ठान होता है, और इसे सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए कुछ विशेष नियमों और रीति-रिवाजों का पालन करना आवश्यक होता है। आइए, विसर्जन के दौरान पालन की जाने वाली महत्वपूर्ण बातों के बारे में विस्तार से जानते हैं।गणेश विसर्जन के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें:
पूजा का आयोजन:
विसर्जन के दिन सबसे पहले पूरे परिवार के साथ गणपति बप्पा की पूजा करनी चाहिए।भोग अर्पण:
गणेश जी को मोदक के साथ-साथ 56 प्रकार के भोग भी अर्पित करें।वस्त्रों का चयन:
विसर्जन के समय काले या नीले रंग के कपड़े न पहनें, इसे अशुभ माना जाता है।दुर्वा का महत्व:
गणेश जी की कृपा पाने के लिए विसर्जन के समय उन्हें दुर्वा की 21 गांठें अर्पित करें।घर की परिक्रमा:
बप्पा की मूर्ति को विसर्जन के लिए ले जाने से पहले उसे पूरे घर में घुमाएं।मूर्ति की दिशा:
विसर्जन के लिए गणपति को घर से विदा करते समय उनका मुख घर की ओर रखें और पीठ बाहर की तरफ।अंतिम आरती:
विसर्जन स्थल पर पहुंचकर एक बार फिर से कपूर से गणपति जी की आरती करें।पूजन सामग्री का विसर्जन:
गणेश पूजन में उपयोग हुई सामग्रियों को भी जल में विसर्जित कर देना चाहिए।धीरे विसर्जन:
मूर्ति को धीरे-धीरे जल में विसर्जित करें, इसे अचानक पानी में न छोड़ें।मंत्र जाप:
विसर्जन के समय श्री गणेश के मंत्रों का जाप अवश्य करें।इन बातों का ध्यान रखते हुए गणपति बप्पा के विसर्जन को सफलतापूर्वक संपन्न किया जा सकता है।
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