स्थापना मुहूर्त
चतुर्थी तिथि आरंभ: 6 सितंबर 2024, शुक्रवार की दोपहर 3 बजकर 2 मिनट से
चतुर्थी तिथि समापन: 7 सितंबर 2024 की शाम 5 बजकर 38 मिनट तक
गणेश जी स्थापना मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 2 मिनट से दोपहर के 1 बजकर 33 मिनट तक
इस तरह करें बप्पा की स्थापना
जब बप्पा को लेने जाएं तो स्वच्छ और नए वस्त्र धारण करें।
संभव हो तो चांदी, तांबे या पीतल की थाली में स्वास्तिक बनाकर, फूल-मालाओं से सजाकर उसमें गणपति को विराजमान कर अपने घर लाएं।
गणपति की स्थापना के लिए अपने दाएं हाथ में चावल, गंगाजल, पुष्प और कुछ द्रव्य लेकर संकल्प करें।
बप्पा को विराजमान करने का संकल्प करें और ऊं गणेशाय नम: मंत्र का जाप करें।
इसके बाद श्री गणेश जी की मूर्ति ले आएं।
जिस स्थान पर गणेश जी को विराजमान करना हो उस स्थान पर कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं और हल्दी की चार बिंदी लगाएं।
एक मुट्ठी अक्षत (चावल) रखें। इस पर छोटा बाजोट, चौकी या पटरा रखें।
लाल, केसरिया या पीले वस्त्र को उस पर बिछाएं।
रंगोली, फूल, आम, जामुन के पत्तों एवं अन्य सामग्री से स्थान को सजाएं।
एक तांबे का कलश पानी भरकर उसमें एक सिक्का एक सुपारी और लाल पुष्प डाल दें फिर आम के पांच, सात, या नौ पत्ते और नारियल से कलश को सजाएं।
घर में बप्पा की मूर्ति की स्थापना करते समय उनका मंगलगान या कीर्तन करें।
गणपति को लड्डू या मोदक का भोग लगाएं। लाल पुष्प चढ़ाएं। प्रतिदिन की पूजा में प्रसाद के लिये पंच मेवा अवश्य रखें।
गणेश जी के आगे एक छोटी कटोरी में पांच छोटी इलायची और पांच कमलगट्टे रख दें। गणेश जी जब तक स्थापित हैं इनको गणपति के आगे ही रहने दें। बाद में इसे एक लाल कपड़े में रखकर पूजा स्थल पर रहने दें और छोटी इलायची को गणपति का प्रसाद मानते हुए ग्रहण कर लें।
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