बसंत पंचमी के दिन विद्या, बुद्धि, संगीत, कला और ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती की पूजा का विधान है। इस दिन विद्या की देवी मां शारदा की पूजा की जाती है। पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मां सरस्वती की पूजा की जाती है। माघ माह की शुरुआत 14 जनवरी, 2025 से हो चुकी है और यह 12 फरवरी, 2025 तक चलेगा। इस दिन को ज्ञान और विद्या की प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है, इसलिए विद्यार्थी और कला प्रेमी देवी सरस्वती की आराधना करते हैं।
पूजा का शुभ मुहूर्त
इस साल 2025 में बसंत पंचमी का पर्व 2 फरवरी को मनाया जाएगा। माघ शुक्ल पंचमी तिथि की शुरुआत 2 फरवरी की सुबह 9 बजकर 14 मिनट से हो रही है और इसका समापन 3 फरवरी को सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनसार 2 फरवरी को बसंत पंचमी मनाई जाएगी।
माता को करें पीले फूल अर्पित
माता रानी को हल्दी, चंदन और अक्षत अर्पित करें। पीले फूल, रोली, केसर, चंदन सब सामग्री शुभ मानी जाती है और देवी को समर्पित की जाती है। इसके साथ ही माता रानी को पीली मिठाई का भोग लगाएं और घी का दीपक जलाएं। इसके बाद देवी सरस्वती के मंत्रों का जाप करें। और अब आरती करें।
मां का मंत्र
- "ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।'
- सरस्वती गायत्री मंत्र : ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्।'
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