देवउठनी एकादशी, कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी को आती है। इस साल देवउठनी यानी देवप्रबोधिनी एकादशी 12 नवंबर, मंगलवार को है। देवउठनी एकादशी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की नींद के बाद जागते हैं। देवउठनी एकादशी की शाम तुलसी विवाह भी किया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार देवउठनी एकादशी पर तुलसी जी का विवाह शालिग्राम से किया जाता है। आप भी अगर तुलसी विवाह का आयोजन कर रहे हैं, तो आपको तुलसी विवाह के कुछ विशेष नियमों का ध्यान रखना चाहिए। कुछ विशेष नियमों के बिना तुलसी विवाह संपन्न नहीं माना जाता है।
तुलसी विवाह देवउठनी एकादशी की शाम यानी गोधूलि वेला पर करना उत्तम माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गोधूलि वेला पर लक्ष्मी आगमन का समय होता है इसलिए इस समय का महत्व और भी बढ़ जाता है।
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