धनतेरस का त्यौहार हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। धनतेरस के धनत्रयोदशी, धन्वंतरि त्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को भगवान धन्वंतरि के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है। धन्वंतरि जी को आयुर्वेद के पिता और गुरु माना जाता है। उन्हें देवताओं का चिकित्सक कहते हैं। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से निरोगी शरीर और स्वस्थ जीवन के साथ संपन्नता का भी आशीर्वाद मिलता है।
भगवान धन्वंतरि कौन हैं?
भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक माना जाता। जो लोग आयुर्वेद और दवाओं का अभ्यास करते हैं, उनके लिए धन्वंतरि त्रयोदशी का दिन विशेष महत्व रखता है। भगवान धन्वंतरि की चार भुजाएं हैं। ऊपर के एक हाथ में शंख, दूसरे में कलश और नीचे के तीसरे हाथ में जड़ी बूटी और चौथे में आयुर्वेद ग्रंथ है। पुराणों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत का कलश लिए प्रकट हुए थे। इसलिए धनतेरस के दिन पीतल के बर्तन खरीदना शुभ माना गया है। इस दिन सोना, चांदी के अलावा पीतल के बर्तन खरीदने से घर में बरकत आती है।धन्वंतरि त्रयोदशी पूजा मुहूर्त 2024
धन्वंतरि पूजा- 29 अक्टूबर 204, मंगलवार
धन्वंतरि पूजा प्रातःकाल मुहूर्त- 06:31 से 08:44 (29 अक्टूबर 2024)
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