हिन्दू धर्म में सावन सोमवार का जितना महत्व है, उतना ही सावन मंगलवार का भी। सोमवार के दिन जहां महादेव की आराधना की जाती है, वहीं मंगलवार के लिए माता पार्वती की। इस दिन को मंगला गौरी के नाम से जाना जाता है। पहला मंगला गौरी व्रत आज यानी कि 23 जुलाई 2024 को है। इस दिन कैसे पूजा करें और क्या है सही विधि?
शुभ मुहूर्त
23 जुलाई, 2024 दिन मंगलवार को पहला मंगला गौरी व्रत है। आज श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। इस तिथि की अधिपति देवी पार्वती ही हैं। इस दिन आयुष्मान, सौभाग्य और त्रिपुष्कर नाम के 3 योगों का निर्माण हो रहा है। धार्मिक मान्यता है कि त्रिपुष्कर योग में की गई पूजा का 3 गुना फल प्राप्त होता है। पूजा का शुभ मुहुर्त सुबह 09:15 से 10:54 तक। सुबह 10:54 से दोपहर 12:33 तक। दोपहर 12:33 से 02:12 तक। दोपहर 03:51 से शाम 05:30 तक
कैसे करें पूजा
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत्त हों जाएं। इसके बाद साफ वस्त्र पहनें और माता पार्वती का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें। पूजा के लिए सबसे पहले लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और इस पर माता पार्वती की प्रतिमा रखें। अब माता पार्वती को गंगाजल से स्नान कराएं और नए वस्त्र धारण कराने के साथ ही श्रृंगार भी करें। इसके बाद माता पार्वती को उनके प्रिय पुष्प चढ़ाएं।माता को फल और खीर या मिष्ठान का भोग लगाएं। देवी को नैवेद्य, अक्षत, सुपारी आदि चीजें अर्पित करें और घी का दीपक जलाएं। अब मां पार्वती मंत्रों का पूर्ण श्रद्धा से 108 बार जाप करें। इसके बाद पार्वती चालीसा का पाठ करें। पूजा के आखिर में माता पार्वती की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
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