देशभर में आज सावन माह की शिवरात्रि मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में आने वाली शिवरात्रि बहुत खास होती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। यह व्रत खासतौर पर अविवाहित महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि मान्यता है कि इस व्रत को रखने से उन्हें मनचाहा वर मिलता है। इस साल साल सावन शिवरात्रि 2 अगस्त यानी आज मनाई जा रही है। आएये जानते है सावन शिवरात्रि की पूजाविधि क्या है।
पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि का त्योहार और सावन का महीना महादेव को समर्पित माना जाता है। मासिक शिवरात्रि का त्योहार हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 2 अगस्त को दोपहर 3:26 बजे से शुरू होगी। वहीं चतुर्दशी तिथि अगले दिन यानी 3 अगस्त को दोपहर 3:50 बजे समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार सावन शिवरात्रि 2 अगस्त को मनाई जाएगी। सावन शिवरात्रि के दिन व्रत रखने के लिए सबसे पहले सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लें। घर में पूजा स्थल को साफ करें और भगवान शिव के साथ माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें।इसके बाद आप चाहें तो कुम्हार की गीली मिट्टी से भी यह मूर्ति बना सकते हैं। इसके बाद कच्चे दूध, गंगाजल, दही, शहद और घी से भगवान शिव का अभिषेक करें। फिर भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा चढ़ाएं और मीठे फल अर्पित करें। घी का दीपक जलाकर आरती करें और फिर शिव चालीसा का पाठ करें। बता दें कि शिवरात्रि के दिन शिव चालीसा का पाठ करना बहुत लाभकारी होता है। अंत में खीर, फल और हलवे का भोग लगाएं और लोगों में प्रसाद बांटें।
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