गुप्त नवरात्रि एक विशेष आध्यात्मिक समय होता है, जब साधक अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा को जागृत और सशक्त कर सकते हैं। गुप्त नवरात्रि तंत्र और सिद्धि के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है। इस समय ध्यान करने से आध्यात्मिक ऊर्जा तीव्र गति से बढ़ती है। इन दिनों कुछ ऐसे कार्य हैं, जिसे करने से माँ दुर्गा की कृपा बनी रहती है, घर में सुख-समृद्धि आती है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। तो, इस समय आप अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा कैसे बढ़ा सकते हैं और आपको कौन से कार्य करने चाहिए, गुप्त नवरात्रि में माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों की साधना की जाती है। यदि आप अपनी ऊर्जा बढ़ाना चाहते हैं, तो प्रतिदिन कम से कम 108 बार नवार्ण व् अन्य शक्ति मंत्रों का जाप करें।
रात्रि में विशेष साधना और ध्यान करें
गुप्त नवरात्रि वैसे तो आम लोगों के लिए नहीं होती लेकिन किसी को अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा जागृत करनी है, तो रात्रि के समय ध्यान और जप करने से शक्ति अधिक तीव्र होती है। माँ काली, तारा, बगलामुखी, छिन्नमस्ता आदि महाविद्याओं की रोज़ सुबह और रात को 15-30 मिनट ध्यान करें। वैसे, अगर आप इन ऊर्जाओं को नहीं संभाल सकते, तो सामान्य तरीके से ही साधना करें। जिन्हें मंत्र सिद्धि करनी होती है, वो लोग रात में साधना करते हैं।
हवन और अग्नि साधना करें और संयम का पालन करें
गुप्त नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती, देवी महात्म्य या श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करना अत्यंत शुभ होता है। अंतिम दिन हवन करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। गुप्त नवरात्रि में रोज़ गाय के घी का दीपक जलाएं और उसमें दुर्गा सप्तशती या महामृत्युंजय मंत्र का हवन करें। "ॐ नमो भगवती काली" मंत्र से हवन करने से ऊर्जा का जागरण होता है। गुप्त नवरात्रि में जितना संभव हो, मौन व्रत रखें। आत्म निरीक्षण करें कि कहाँ आपकी ऊर्जा बेकार खर्च हो रही है और कैसे इसे सकारात्मक रूप से प्रयोग करें। ब्रह्मचर्य का पालन करें, ताकि ऊर्जा भीतर संरक्षित रहे।
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