ओलंपिक के इतिहास में भारत का अब बहुत शानदार प्रदर्शन देखने को नहीं मिला है, लेकिन इस बार पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने गए 117 भारतीय एथलीट के दल में कुछ ऐसे नाम शामिल हैं जो अपने इवेंट्स में पदक जीतने के प्रबल दावेदार के तौर पर देखे जा रहे हैं। इसी में एक नाम स्टार महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु का है जो अब तक ओलंपिक के इतिहास में 2 बार पदक जीतने में कामयाब हो चुकी हैं, जिसमें उन्होंने रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल तो वहीं टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक को अपने नाम किया था। ऐसे में पेरिस ओलंपिक में भी उनसे मेडल जीतने की उम्मीद की जा रही है जिसमें यदि वह ऐसा करने में कामयाब होती हैं तो ओलंपिक के इतिहास में तीन पदक जीतने वालीं पहली भारतीय खिलाड़ी बन जाएंगी।
मेडल जीतना मेरा टारगेट
पीवी सिंधु जो पोर्टे डे ला चैपल एरिना में अभ्यास कर रही हैं उन्होंने पेरिस ओलंपिक में अपनी तैयारियों को लेकर पीटीआई को दिए बयान में कहा कि निश्चित रूप से पदक जीतना मेरा लक्ष्य है। यह पहला हो या दूसरा या फिर तीसरा यह मायने नहीं रखता। मैंने दो पदक जीते हैं और मैं तीसरे पदक के बारे में सोच कर खुद पर दबाव नहीं बनना चाहती हूं। जब भी मैं ओलंपिक में भाग लेती हूं तो वह मेरे लिए नया ओलंपिक होता है। इसलिए मैं जब भी ओलंपिक में खेलने के लिए उतरती हूं तो मेरा लक्ष्य पदक जीतना होता है। उम्मीद है कि मैं जल्द ही हैट्रिक पूरी करूंगी।
पेरिस ओलंपिक के लिए सिंधु ने अपनी खास तैयारी पर भी दी जानकारी
ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए पेरिस आने से पहले सिंधु ने जर्मनी के सारब्रुकेन में स्पोर्टकैंपस सार में अभ्यास किया जिसकी समुद्र तल से ऊंचाई, मौसम और परिस्थितियां फ्रांस की राजधानी के समान हैं। इसके अलावा सिंधु ने पेरिस की परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालने के लिए वहां पर उन्होंने अपने लिए एक हाइपोक्सिक चैंबर (कम ऑक्सीजन) बनवाया जिसमें वह कुछ दिनों तक वहीं सोईं। अपनी इस खास तैयारी को लेकर सिंधु ने कहा कि मैं अभ्यास के लिए अधिक ऊंचाई वाले स्थान पर नहीं जा सकती थी। मेरे पास बहुत अधिक समय नहीं था और इसलिए मैंने सोचा कि कहीं और जाने से बेहतर होगा कि यहीं उस तरह की परिस्थितियां तैयार की जाएं।
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