Tech: Twitter और मेटा के बाद अब Google ने Gmail यूजर्स के लिए वेरिफिकेशन चेकमार्क रोल आउट करना शुरू कर दिया है। इन नीले चेकमार्क का उद्देश्य चुनिंदा सेंडर के नाम के आगे चेकमार्क डिस्प्ले करके उनकी पहचान की पुष्टि करना है।
इन कंपनियों के लिए होगा उपलब्ध
यह नया फीचर उन कंपनियों के लिए उपलब्ध होगा जिन्होंने जीमेल के मौजूदा ब्रांड इंडिकेटर्स फॉर मैसेज आइडेंटिफिकेशन (BIMI) फीचर को अपनाया है। आइए डिटेल से जानते हैं गूगल के इस खास फीचर के बारे में।
स्पैम ईमेल आसानी से कर पाएंगे ट्रैक
गूगल के नए जीमेल (Gmail) वेरिफिकेशन फीचर की मदद से किसी भी स्पैम ईमेल को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। गूगल ने कहा है कि यह नया फीचर यूजर्स को स्पैम मैसेज से बचाने में मदद करेगा। ये नया फीचर Google वर्कस्पेस कस्टमर, पुराने G Suite बेसिक, बिजनेस कस्टमर और पर्सनल Google अकाउंट वाले कोई भी व्यक्ति इस नीले चेक मार्क के लिए एलिजबल है। यह ईमेल भेजने वाले में विश्वास बढ़ाने और यूजर्स के लिए एक बेहतर ईमेल इकोसिस्टम बनाने में मदद करेगा।

भारत में अब तक नहीं किया गया है पेश
Gmail पर ब्लू टिक के लिए यूजर्स DMARC को अपनाकर और फिर ब्लू चेक मार्क लेने के लिए Entrust या DigiCert जैसे अधिकारियों से वेरिफिकेशन मार्क प्रमाणपत्र (VMC) प्राप्त करके अपने Google अकाउंट को वेरिफाई कर सकते हैं। हालांकि, अभी भारत में इसे लॉन्च नहीं किया गया है। उम्मीद है इसे गूगल बहुत जल्द इंडिया में भी पेश करेगा।
3 मई से करेगा नए अपडेट को रोल आउट
फिलहाल, इस फीचर के लिए कोई एंड-यूज़र सेटिंग नहीं है। Google 3 मई, 2023 से अपने Gmail या Google Workspace प्लेटफॉर्म पर नया अपडेट रोल आउट करेगा और 3 दिनों के भीतर इसका पूरा रोलआउट पूरा कर लेगा। बता दें, ब्लू टिक्स लंबे समय से अथेंसिटी की निशानी रहे हैं। जीमेल से पहले ट्विटर, मेटा वेरिफिकेशन फीचर को फ्री से अब पेड कर चुके हैं। अभी गूगल ने ये जानकारी नहीं दी है कि ब्लू टिक के लिए वो कितना चार्ज करेगा।
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