Auto: अगर आप भी नया वाहन लेने का प्लान कर रहें है जो फ्लेक्स फ्यूल, इलेक्ट्रिक या फिर हाइड्रोजन से चलता है, तो ये आपके लिए खुशखबर है। आपको बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी बैंको से आग्रह किया है कि वह क्लीन एनर्जी वाहनों जैसे- फ्लेक्स फ्यूल, इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन से चलने वाले वाहन खरीदने वालों को कम ब्याज दरों पर लोन दें।
अभी के समय में फ्लेक्स-फ्यूल को पेट्रोल-डीजल के ऑप्शनल के रूप में देखा जा रहा है। यह एक आंतरिक दहन इंधन है जो गैसोलीन और मेथनॉल या इथेनॉल के साथ मिलकर तैयार किया जाता है। इस तरह के इंधन के इस्तेमाल से पेट्रोल का कम यूज होगा। और साथ ही कोस्ट कटिंग में मदद मिलेगी।
इलेक्ट्रिक बस की हुई शुरूआत
कई राज्यों में इलेक्ट्रिक बसें चलना शुरू हो गई है। इससे सरकार को रेवेन्यू में भी काफी फायदा मिलता है। सर्वाजनिक परिवहन को लेकर नितिन गडकरी का कहना है कि नॉन एसी इलेक्ट्रिक बस के संचालन की लागत 39 रुपये प्रति किलोमीटर है, जबकि एसी इलेक्ट्रिक बस के लिए यह 41 रुपये प्रति किलोमीटर है।
EV खरीदने पर सरकार पहले से दे रही छूट
इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर सरकार पहले से ही छूट दे रही है। यही वजह है कि सड़कों इलेक्ट्रिक व्हीकल दिखाई देने लगे है। यहां तक कि सब्सिडी के चलते कई नई स्टॉर्ट अप कंपनियां भी शुरू हुई है। इस समय भारत में बिकने वाली ज्यादातर इलेक्ट्रिक वाहन स्टॉर्टअप कंपनियों द्वारा लॉन्च किया गया है।
क्या होती है Hydrogen Car
हाइड्रोजन कार को चलाने के लिए इलेक्ट्रिसिटी की जरूरत पड़ती है। इन कारों में इलेक्ट्रिसिटी जेनरेट करने के लिए फ्यूल सेल की जरूरत पड़ती है, जो इलेक्ट्रिसिटी जेनरेट करने में मदद करता है। आसान भाषा में कहें तो, ये फ्यूल सेल Atmosphere में मौजूद ऑक्सीजन और इसके ईंधन टैंक में भरे हाइड्रोजन के बीच केमिकल रिएक्शन करा कर इलेक्ट्रिसिटी पैदा करते हैं। केमिकल रिएक्शन से इन दोनों गैस के मिलने से पानी H2O और इलेक्ट्रिसिटी जनरेट होती है, जिससे गाड़ी चलने लगती है।
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