Tech: टेक कंपनी गूगल के सर्च इंजन का इस्तेमाल दुनियाभर में किया जाता है। आपके हर सवाल का जवाब गूगल के पास होता है। गूगल सर्च इंजन पर सवाल से जुड़े कीवर्ड्स (Dr. Mario Molina) डालते ही आपके सवाल के ढेरों जवाब आपके सामने खुल जाते हैं। गूगल के सर्च इंजन की पहुंच हर वर्ग के यूजर तक है, ऐसे में गूगल भी अपने यूजर को हर दिन कुछ खास देता है।
जानें कौन है डॉ. मारियो मोलिना
आपको बता दें कि मैक्सिकन केमिस्ट डॉ. मारियो मोलिना (Dr. Mario Molina) एक रिसर्चर थे, इन्होंने ही अपनी रिसर्च के दौरान पाया था कि क्लोरोफ्लोरोकार्बन्स पृथ्वी की जीवन रक्षक ओजोन लेयर के लिए खतरनाक हैं। डॉ. मारियो मोलिना ने ही सबसे पहले अंटार्कटिक ओजोन होल की खोज की थी। गूगल डूडल के जरिए आज डॉ. मारियो मोलिना का 80 वां जन्मदिन मना रहा है। रिसर्चर का जन्म 19 मार्च 1943 को मेक्सिको सिटी में हुआ था।
नोबल प्राइज भी मिल चुका है
साल 1995 में डॉ. मारियो मोलिना (Dr. Mario Molina) को उनकी बेहतरीन खोज के लिए केमिस्ट्री में नोबल प्राइज से सम्मानित किया गया था। डॉ. मारियो मोलिनाब की बचपन से साइंस के प्रति विशेष रुचि थी। उनकी साइंस के प्रति रूचि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने बाथरूम को ही एक प्रयोगशाला में बदल दिया था।
हार्ट अटैक की वजह से हुई मौत
हालांकि, साल 2020 में ही 7 अक्टूबर को डॉ. मारियो मोलिना इस बड़ी खोज के बाद दुनिया को अलविदा कह गए थे। मेक्सिको में रहते हुए ही 77 साल की उम्र में डॉ. मारियो मोलिनाकी हार्ट अटैक की वजह से मौत हो गई थी।
Montreal Protocol का आधार बनी मोलिना की किताब
दुनिया के लिए एक बड़ी खोज को करने वाले डॉ. मारियो मोलिना ने अपने दूसरे साथियों के साथ मिलकर अपनी रिसर्च को एक किताब Nature journal के जरिए पेश किया था। यह रिसर्च ही Montreal Protocol का आधार बनी। मालूम हो कि इस अंतरराष्ट्रीय सन्धि की वजह से ही ओजोन लेयर को खतरा पहुंचाने वाले करीब 100 केमिकल्स को बैन किया गया था।
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