NISAR Satellite: जोशीमठ जैसी प्राकृतिक आपदा (Joshimath Sinking) के बारे में अब पहले ही अलर्ट मिल जाएगा। NASA के सहयोग से ISRO ने एक विशेष सैटेलाइट विकसित की है। करीब 10 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गयी निसार सैटेलाइट (NISAR Satellite) को NASA में विकसित किया गया है।अब इसे भारत को सौंप दिया गया है। ये सैटेलाइट बेहद अनोखी है। ये भूकंप, हिमस्खलन और समुद्री तूफान जैसी प्राकृतिक घटनाओं का अलर्ट पहले ही जारी कर देती है। ये सैटेलाइट पूरी दुनिया की मदद करेगी। इसे भारत और अमेरिका का अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त साइंस मिशन माना जा रहा है।
अगले साल ISRO करेगा लॉन्च
इस सैटेलाइट को भारत लाने की तैयारी शुरू हो गई है। सैटेलाइट और उसके पेलोड की कई बार टेस्टिंग की जा चुकी है। इसे अगले साल ISRO द्वारा लॉन्च किया जाएगा। इससे पहले इसमें कुछ बदलाव किए जाने हैं। इसे ISRO के सबसे ताकतवर जीएसएलवी-एमके2 रॉकेट (GSLV MK II) से लॉन्च किया जाएगा। NISAR Satellite को दुनिया का सबसे महंगा अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट बताया जा रहा है।
जानिए NISAR Satellite की खासियत
NISAR Satellite में दो प्रकार के बैंड होंगे: L और S बैंड्स। भारत ने S बैंड ट्रांसमीटर बनाया और नासा ने L बैंड ट्रांसपोंडर बनाया। इस सैटेलाइट में बहुत शक्तिशाली रडार है। यह 240 किमी तक की विस्तृत तस्वीरें खींच सकता है। इसे पृथ्वी का एक पूरा चक्कर लगाने में 12 दिन लगेंगे। हर 12 दिन में ये धरती की एक जगह की तस्वीर खींचेगा। इस तस्वीर में कई विवरण होंगे। यह मिशन 5 साल चलेगा।
टेलीग्राम में आया न्यू फीचर, अब किसी भी भाषा में आए मैसेज को पढ़ पाएंगे आसानी से
Comments (0)