Greater Noida: अगर मन में कुछ करने कुछ पाने की इच्छा हो तो गरीबी हो या विषम परिस्थितियां इंसान इन सबसे लड़कर सफलता हासिल कर सकता है। सफलता हर हालत में आपके कदम चुमती है। ऐसी ही कहानी है रितिका सुरीन की। जी हां रितिका जिन्होंने कठिन से कठिन (Sunday Motivation) परिस्थिति में हार नहीं मानी और सफलता हासिल की। रितिका की मां घर में साफ-सफाई और पिता चपरासी की नौकरी करते हैं।
अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए मां-बाप ने दिन रात कड़ी मेहनत की वहीं बेटी भी उनकी उम्मीदों पर खरी उतरी बेटी ने पढ़ाई में मेहनत से मुंह नहीं मोड़ा। नतीजा (Sunday Motivation) पहले ही प्रयास में रितिका को बीस लाख रुपये के पैकेज लगा। जहां एक तरफ मां-बाप खुशी से फूले नहीं समा रहे वहीं दूसरी तरफ रितिका के दोस्तों को उस पर नाज हो रहा है।
माता-पिता की मेहनत लाई रंग
बेटी को अच्छी शिक्षा देने के लिए माता-पिता ने कड़ी मेहनत की। वहीं उनकी ये मेहनत रंग लाई। रितिका के मां-बाप ने गरीबी बेटी की सफलता के आड़े नहीं आने दिया। मूलरूप से झारखंड की रहने वाली रितिका बताती हैं कि उनकी मां मैरी एक घर में साफ-सफाई का काम करती हैं। पिता नवल गलगोटिया कालेज में चपरासी हैं। माता-पिता ने बचपन से ही अच्छी शिक्षा देने की ठानी थी। उन्होंने अपने पेशे से हमेशा मुझे दूर रखा।
अच्छी शिक्षा में पैसों की कमी नहीं बनी बाधा
मां जिस घर में काम करती हैं स्कूल में अच्छी शिक्षा दिलाने में उन्होंने भी काफी सहयोग दिया। माता-पिता ने अच्छी शिक्षा में कभी पैसों को बाधा नहीं बनने दिया। प्रबंधन की शिक्षा के लिए पिता ने गलगोटिया विश्वविद्यालय में प्रवेश दिलाया। दोस्तों व प्रोफेसरों ने हर स्तर पर मदद की। विश्वविद्यालय ने फीस में छूट दी। Read more- Earthquake in Uttarakhand: भूकंप से कांपी पिथौरागढ़ की धरती,3.8 की तीव्रता से आया भूकंप
पहले प्रयास में मिला 20 लाख रुपये का पैकेज
कुछ दिनों पूर्व साफ्टवेयर की एक नामी कंपनी प्लेसमेंट के लिए आई थी। पहले ही प्रयास में बीस लाख रुपये के पैकेज मिलने की सफलता मिली। सफलता की खुशी आंखों से आंसू के रूप में छलकी। सफलता मिलने पर मा-पिता भी खुश हो गए। विश्वविद्यालय के सीईओ ध्रुव गलगोटिया का कहना है कि रितिका दूसरे छात्रों के लिए प्रेरणाश्रोत बन गई हैं। छात्रा के अच्छे नंबर व पारिवारिक स्थिति को देखते हुए पचास प्रतिशत स्कालरशिप दी गई थी। साथ ही कोर्स की किताबें निश्शुल्क उपलब्ध कराई गई थी।
Comments (0)