उत्तर प्रदेश में अगला विधानसभा चुनाव 2027 में होना है, लेकिन उससे पहले ही राज्य की राजनीति में जबरदस्त हलचल शुरू हो गई है। राजनीतिक दलों ने अभी से अपनी रणनीतियां बनानी शुरू कर दी हैं और जोड़-तोड़ की सियासत भी तेज हो चुकी है। इसी क्रम में बहुजन समाज पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री दददू प्रसाद ने बसपा का साथ छोड़ समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है। उनके साथ सलाउद्दीन, देव रंजन नागर और जगन्नाथ कुशवाहा जैसे प्रमुख नेता भी सपा में शामिल हुए।
अखिलेश यादव ने दिलाई सदस्यता
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खुद इन नेताओं का पार्टी में स्वागत किया। लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। इस मौके पर अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, "भारतीय जनता पार्टी की नीतियां सिर्फ कागजों में चलती हैं। मुद्रा योजना के 10 साल हो गए लेकिन इसका कोई असर जमीन पर नहीं दिखा। ये 'मुद्रा योजना' नहीं बल्कि 'झूठा योजना' है।"
कौन हैं दददू प्रसाद?
दददू प्रसाद यूपी की राजनीति में एक जाना-पहचाना नाम हैं। वह बहुजन समाज पार्टी में लंबे समय तक सक्रिय रहे और पार्टी के मजबूत स्तंभ माने जाते थे। वे मायावती सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं और दलित राजनीति में उनका खासा प्रभाव माना जाता है। उनका सपा में जाना न सिर्फ BSP के लिए झटका है बल्कि समाजवादी पार्टी के लिए आगामी चुनावों में एक बड़ा राजनीतिक लाभ भी हो सकता है।
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