चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर के नजदीक सगर गांव में राजा सगर की आराध्या और शक्ति स्वरूपा माँ चंडिका देवी की देवरा यात्रा का अंतिम चरण भी अक्षय तृतीया पर्व पर हुए पौराणिक गरुड़ छाड़ देव उत्सव के साथ पूर्ण हो चला है,देव उत्सव गरुड़ छाड़ मेले में क्षेत्र के कोने कोने से पहुंची दिशा ध्यानियां बेटियां पारंपरिक भेष भूषा से सुसज्जित होकर इस लोक संस्कृती को संजोए उत्सव में पहुंची।
पूरे दिन ध्याणियों ने मां चंडिका देवी को समर्पित द देव जागरों, चोफूला, पारंपरिक चाँचड़ी डांकुडी लोक गीतों और लोक नृत्यों का भी आनंद उठाया,वहीं भक्तों का अपार जन सैलाब इस दौरान सगर गांव के सकलेश्वर महादेव की भूमि पर उमड़ा नजर आया
देव उत्सव गरुड़ छाड़ मेले में क्षेत्र के कोने कोने से पहुंची दिशा ध्यानियां बेटियां पारंपरिक भेष भूषा से सुसज्जित होकर इस लोक संस्कृती को संजोए उत्सव में पहुंचीइसके साथ ही मां चंडिका देवी के नाम का सकलेश्वर महादेव मंदिर में भागवत कथा भी शुरू हो गई है बता दें कि पिछले वर्ष विजयादशमी के पुण्य अवसर पर सगर गांव में स्थित मां चंडिका के मंदिर में विशेष पूजा अनुष्ठान के साथ इस द्देवरा यात्रा का शुभारंभ 12 अक्टूबर 2024 को हुआ था।
माता की देवरा यात्रा भंतोली से शुरू हुई थी, अंतिम देव उत्सव के रूप में गरुड़ छाड़ उत्सव का आयोजन हुआ जिसको देखने हजारों की तादाद में भक्तों का हुजूम सकलेश्वर महादेव की नगरी में उमड़ा वहीं भक्तों का अपार जन सैलाब इस दौरान सगर गांव के सकलेश्वर महादेव की भूमि पर उमड़ा नजर आया
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