विवेक पाण्डेय
पेट्रोल की किल्लत या कुछ और ?
देश के कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल की किल्लत सामने आ रही है। कई जगह लोग पेट्रोल-डीजल के लिए परेशान होते दिखे। जी हां आपने सही पढ़ा। ऐसे में बड़ा सवाल खड़ा होता है कि, क्या ये क्या रूस-यूक्रेन जंग का असर है या घाटा कम करने तेल कंपनियों का नया पैंतरा है। बड़ा सवाल ये भी कि क्या मुनाफे को पाने और घाटे को पाटने नया टारगेट सेट किया जा रहा है। घाटा कम करने कंपनियों ने बाकायदा तेल की राशनिंग भी शुरू कर दी है। बता दें तेल कंपनियों ने साफ तौर पर कहा था कि, उन्हें घाटा हो रहा है। कंपनियों का ये भी कहना था कि सरकार इसकी भरपाई करे। आज की तारीख की बात करें तो देश में कई पंपों पर पेट्रोल-डीजल की बिक्री ठप दिखाई दी HPCL और BPCL ने तेल की राशनिंग शुरू कर दी है। इससे आम जनता को परेशानी हो रही है। दूसरी ओर कंपनी सेल्स ऑफिसर संचालकों को निर्देश दे रहे हैं। जिसमें 8 घंटे ही पेट्रोल की बिक्री करने के निर्देश दिए गए। BPCL का कहना है कि ऐसा वैश्विक तौर पर बने हालातों से हो रहा है।
केंद्र ने की थी कीमतें कम -
अब आपको थोड़ा पीछे लिए चलते हैं जब मोदी सरकार ने 21 मई को पेटोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी घटाई थी। इसके बाद से ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर गिरावट आई थी। वहीं तेल कंपनियों ने इस पर अपना घाटा होना बताया था। तेल कंपनियों का बड़ा दावा है कि उनके पास 50 बैरल तेल कम आ रहा है। ऐसे में दो दिन में एक बार ही पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति हो रही है।
तेल कंपनियों का क्या है कहना ?
मध्य प्रदेश में तेल कंपनियां 50 प्रतिशत ही पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति कर रही है। तेल कंपनियों का कहना है कि डीजल में 23, पेट्रोल में 16 रुपये प्रति लीटर घाटा हो रहा। मप्र पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने शासन-प्रशासन से मांग की है, जिसमें तेल कंपनियों से खपत के अनुसार पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति कराने की मांग की। वहीं मप्र पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने फरमान जारी करते हुए पंप मालिकों से आठ घंटे ही पंप खोलने के निर्देश दिेए हैं।
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कहां-कहां से आई किल्लत की खबर ?
मध्य प्रदेश में तीनों तेल कंपनियों के कुल 3900 पेट्रोल पंप हैं। मध्य प्रदेश में प्रतिदिन पेट्रोल और डीजल की कुल खपत 11 करोड़ 17 लाख लीटर होती है। वहीं HPCL और BPCL के 40 प्रतिशत पंपों पर पेट्रोल-डीजल नहीं मिल पा रहा है। देश के कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल की सप्लाई प्रभावित हुई यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान के कई जिलों में भी पेट्रोल और डीजल की आपाधापी खरीदी हुई। हालांकि यूपी में सरकारी सूत्रों का कहना है कि, किल्लत जैसी कोई चीज नहीं है ये मात्र अफवाह है। हालांकि जनता को हो रही परेशानी को देखते हुए सरकार को कंपनियों को लेकर एक निर्णायक स्थिति जरूर स्पष्ट कर देना चाहिए ताकि आम जन को किसी तरह की परेशानी ना हो।
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