Business: महंगाई के मामले में इस साल (Retail Inflation Rate 2023) आम जनता को बढ़ी राहत मिल सकती है। बता दें कि इस साल पहली तिमाही में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुरदा मुद्रास्फीति दर पांच प्रतिशत पर आ सकती है, जोकि आरबीआई की ओर से तय किए गए महंगाई के बैंड की ऊपरी सीमा छह प्रतिशत से भी कम है। इसका मतलब यह है कि इस साल की पहली तिमाही में महंगाई से लोगों को राहत मिल सकती है।
SBI ने जारी की इकोरैप रिपोर्ट
बता दें कि हाल ही में एसबीआई (SBI) ने अपनी इकोरैप रिपोर्ट जारी कर बताया कि 2023 के मार्च तक खुदरा महंगाई दर गिरकर पांच प्रतिशत तक पहुंच सकती है। वहीं, जनवरी-मार्च के बीच औसत खुदरा महंगाई दर 4.7 प्रतिशत रह सकती है। यह रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है, जब सरकार की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों में महंगाई में कमी देखने को मिली है।
दिसंबर में कम हुई महंगाई
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा दिसंबर, 2022 के लिए घरेलू उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) डाटा जारी कर बताया गया कि दिसंबर में खुदरा महंगाई दर घटकर 5.72 प्रतिशत हो गई है, जबकि नवंबर में यह आंकड़ा 5.88 प्रतिशत था। यह लगातार दूसरा महीना था, जब महंगाई आरबीई के टॉलरेंस बैंड में थी। इससे पहले लगातार तीन तिमाही खुदरा महंगाई दर छह प्रतिशत से अधिक थी।
रेपो रेट धीमी गति से आगे बढ़ेगा
भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट में बताया कि खुदरा महंगाई दर 12 महीने के न्यूनतम स्तर 5.72 प्रतिशत पर पहुंच गई है। (Retail Inflation Rate 2023) इसके साथ परिस्थितियों में बदलाव होने की वजह से रेपो रेट तेजी से बढ़ने की संभावना कम है।
पिछले साल ब्याज दरों में 5 बार किया गया था इजाफा
पिछले साल देश में महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई की ओर से ब्याज दरों को कुल पांच बार इजाफा किया था। इस कारण रेपो रेट बढ़कर 2.25 प्रतिशत बढ़कर 6.25 प्रतिशत पहुंच गया है, जो कि मई 2022 में चार प्रतिशत था। आखिरी बार रेपो रेट में इजाफा दिसंबर 2022 में 0.35 प्रतिशत का हुआ था। वहीं, अगली मौद्रिक नीति का ऐलान बजट के बाद आठ फरवरी को हो सकता है।
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