बेतहाशा बढ़ रही मंहगाई ने आम जनता का बजट बिगाड़ दिया है। देश में खाद्य तेलों की बढ़ती मंहगाई के चलते सरकार ने कहा कि, इंडोनेशिया से पाम तेल के निर्यात पर प्रतिबंध से आपूर्ति तो बधित हुई है लेकिन अभी सरकार के पास इसका पर्याप्त स्टॉक है। केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडे के अनुसार, सरकार के पास 40 से 45 दिनों का स्टॉक मौजूद है और सरकार को उम्मीद है कि इंडोनेशिया पाम तेलों के निर्यात पर लगी पाबंदी जल्द ही हटा लेगा। खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने बताया कि इंडोनेशिया में 407 लाख मैट्रिक टन पाम तेल का उत्पादम होता है जबकि खपत करीब 200 लाख मैट्रिक टन का ही होता है। ऐसे में उन्होंने उम्मीद जताई कि इंडोनेशिया के पास जल्द ही निर्यात से प्रतिबंध हटाने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं बचेगा।
तेल की आपूर्ति फिर से सुचारु हो जाएगी। जिससे देश में खाद्य तेलों के रेट गिरने की उम्मीद बड़ जाएगी
खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि प्रतिबंध हटाने के बाद पाम तेल की आपूर्ति फिर से सुचारु हो जाएगी। जिससे देश में खाद्य तेलों के रेट गिरने की उम्मीद बड़ जाएगी। हालांकि उन्होंने कहा कि रातों रात खाद्य तेलों की समस्या का समाधान नहीं हो सकता क्योंकि खाद्य तेलों के लिए भारत को बहुत हद तक आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। उन्होंने बताया कि कृषि मंत्रालय राष्ट्रीय तिलहन मिशन पर काम कर रहा है और जल्दी ही इसका पॉजिटिव रिजल्ट सामने आने की उम्मीद है।
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खाद्य तेलों के दाम ऊंचे बने हुए हैं
भारत अपनी जरुरत का 60 प्रतिशत से ज्यादा पाम तेल आयात करता है। दुनिया के सबसे बड़े पाम तेल उत्पादक देश इंडोनेशिया ने अपनी घरेलू आवश्यकताओं के चलते अपने यहां से पाम तेल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिसका असर भारत पर भी दिखाई दे रहा है और खाद्य तेलों के दाम ऊंचे बने हुए हैं।
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