केंद्र सरकार ने जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रेशन्स के लिए आधार ऑथेंटिकेशन को मंजूरी दे दी है और इसे स्वैच्छिक बनाया है। हालांकि, जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन के लिए आधार अनिवार्य नहीं है पर अब इसे स्वैच्छिक भी कर दिया गया है। सरकार ने रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के ऑफिस को इन दोनों (जन्म और मृत्यु) के लिए आधार के वॉलेंटरी इस्तेमाल करने के लिए अपनी मंजूरी दी है। गृह मंत्रालय ने एक गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है और कहा है कि रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय के साथ साथ जनगणना कमिश्ननर भी इस तरह के पंजीकरण या रजिस्ट्रेशन के लिए आधार ऑथेंटिकेशन को मान सकते हैं और ये स्वैच्छिक भी रहेगा।
भारतीयों को बहतर रहन-सहन देने का है उद्देश्य
इसके पीछे सरकार का उद्देश्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच और जीवन को आसान बनाना है जिसके जरिए भारतीयों को बेहतर रहन-सहन मिल सके। इसी बीच आधार जारी करने वाली संस्था UIDAI लोगों को प्रोत्साहित कर रही है कि वो अपने आधार को अपने मोबाइल नंबर से लिंक करा लें जिससे कि वो बेहतर ढंग से सामाजिक कल्याण सेवाओं का फायदा ले सकें।सरकार के गुड गवर्नेंस रूल्स के ड्राफ्ट में संशोधन का प्रस्ताव
सरकार के गुड गवर्नेंस रूल्स के ड्राफ्ट में संशोधन के जरिए आईटी मंत्रालय का कहना है कि सरकारी मंत्रालय या विभाग के अलावा कोई भी संस्था जो लोगों के जीवन में आसानी को बढ़ावा देने और सेवाओं तक बेहतर पहुंच को सक्षम करने के उद्देश्य से आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करना चाहती है, उसके लिए आधार प्रमाणीकरण या ऑथेंटिकेशन को मान्यता दी जाए।क्या है सरकार का नोटिफिकेशन
जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 के तहत कहा गया है कि नियुक्त रजिस्ट्रार को रिपोर्टिंग फॉर्म जन्म या मृत्यु में मांगे गए अन्य विवरणों के साथ एकत्र किए जा रहे आधार नंबर के सत्यापन के लिए स्वैच्छिक आधार पर हां या नहीं का विकल्प चुनने की अनुमति दी जाएगी।Read More: महंगाई की मार से गृहिणी परेशान, थाली से गायब हुआ टमाटर
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