मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में साइबर ठगी का एक और खतरनाक तरीका सामने आया है। जिसने आम लोगों के साथ-साथ जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। अब साइबर अपराधी ट्रैफिक ई-चालान के नाम पर लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में साइबर ठगी का एक और खतरनाक तरीका सामने आया है। जिसने आम लोगों के साथ-साथ जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। अब साइबर अपराधी ट्रैफिक ई-चालान के नाम पर लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। व्हाट्सएप पर भेजे जा रहे फर्जी मैसेज, पीडीएफ और एपीके फाइल के जरिए मोबाइल हैक कर बैंक खातों तक पहुंच बनाई जा रही है।
संदिग्ध मैसेज आने पर रहें सतर्क
यदि आपके पास भी ई-चालान से जुड़ा कोई संदिग्ध मैसेज आता है, तो सतर्क रहना बेहद जरूरी है। दरअसल, साइबर ठगो ने ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को आधार बनाकर लोगों को भ्रमित करने का नया तरीका निकाला है। रेड सिग्नल जंप, ओवरस्पीड या अन्य ट्रैफिक नियम तोड़ने का हवाला देते हुए व्हाट्सएप पर एक मैसेज भेजा जाता है, जिसमें ई-चालान से जुड़ी पीडीएफ या एपीके फाइल होती है।
यह फाइल दिखने में बिल्कुल ट्रैफिक विभाग द्वारा भेजे जाने वाले असली ई-चालान जैसी होती है। कई बार मैसेज की भाषा और फॉर्मेट भी इतना असली लगता है कि लोग बिना सोचे-समझे उस पर क्लिक कर देते हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति इस फाइल को खोलता है, उसके मोबाइल में खतरनाक सॉफ्टवेयर इंस्टॉल हो जाता है। इसके बाद साइबर ठग मोबाइल का पूरा कंट्रोल हासिल कर लेते हैं और बैंकिंग ऐप, ओटीपी, पासवर्ड जैसी अहम जानकारिया चुरा ली जाती हैं।
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