पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है, शिक्षकों को बार-बार गैर-शैक्षणिक कार्यों में लगाया जाता है और कई स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। इन हालात के चलते अभिभावक मजबूर होकर अपने बच्चों को महंगे निजी स्कूलों में भेज रहे हैं।कमलनाथ ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षा व्यवस्था को जानबूझकर कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले दो साल में सरकारी स्कूलों से करीब 14 लाख बच्चों का नामांकन कम हुआ है, जो प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के लिए बेहद चिंता का विषय है।
5 हजार सरकारी स्कूल बंद करने की योजना
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि बच्चों के सरकारी स्कूलों से दूर होने पर सरकार इसकी गंभीर जांच कराने के बजाय अगले साल लगभग 5 हजार सरकारी स्कूल बंद करने की योजना बना रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ज़रूरत इस बात की है कि भाजपा सरकार सरकारी स्कूलों में पर्याप्त शिक्षकों की भर्ती करे और वहाँ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित कराए।
सरकारी स्कूलों से दो साल में 14 लाख बच्चे ड्रॉप आउट
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पिछले दो साल में लगभग 14 लाख बच्चों की संख्या में गिरावट आई है, जो प्रदेश की शिक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। कांग्रेस लगातार सरकारी स्कूलों की बदहाली का मुद्दा उठाती रही है। विपक्ष का आरोप है कि कई सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की संख्या पूरी नहीं है और कई शिक्षक अन्य प्रशासनिक कार्यों में लगे हुए हैं, जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही। कई स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी है, जैसे केवल एक शिक्षक की नियुक्ति, बिजली की अनुपलब्धता आदि, जिसके कारण अभिभावक मजबूरन अपने बच्चों को महंगे निजी स्कूलों में भेज रहे हैं।
बीजेपी ने जानबूझकर शिक्षा व्यवस्था को कमजोर किया
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, ज़मीनी हकीकत यह है कि भाजपा सरकार ने जानबूझकर सरकारी स्कूलों की स्थिति कमजोर कर दी है। शिक्षकों की संख्या बहुत कम है और सरकारी शिक्षकों को अन्य कामों में लगाया जाता है अभिभावकों को मजबूरन अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजना पड़ रहा है।उन्होंने आगे कहा कि शिक्षकों की कमी और आधारभूत सुविधाओं के अभाव के कारण अभिभावक बच्चों को निजी स्कूलों में भेज रहे हैं, लेकिन सरकार स्कूलों की स्थिति सुधारने की बजाय उन्हें बंद करने का निर्णय ले रही है। कमलनाथ ने जोर देकर कहा कि भाजपा सरकार को सरकारी स्कूलों में पर्याप्त शिक्षकों की भर्ती करनी चाहिए और वहाँ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
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