निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले से नाराज अभिभावक संघ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है। CBSE को भी पार्टी बनाया जाएगा।
निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूली को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ अभिभावक संघ ने सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया है। संघ का कहना है कि हाईकोर्ट द्वारा उनकी याचिका खारिज किए जाने से अभिभावकों के अधिकार कमजोर हुए हैं। जबलपुर में निजी स्कूलों की फीस को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। इस संबंध में अभिभावक संघ ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मनमानी फीस वसूली पर रोक लगाने और अतिरिक्त वसूली गई राशि वापस दिलाने की मांग की थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों को राहत देते हुए फीस वापसी से जुड़े आदेश निरस्त कर दिए और अभिभावक संघ की याचिका खारिज कर दी।
सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी
हाईकोर्ट के इस फैसले से असंतुष्ट अभिभावक संघ अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहा है। संघ के पदाधिकारियों का आरोप है कि सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने उनका पक्ष प्रभावी ढंग से नहीं रखा। उनका यह भी कहना है कि यह फैसला मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस एवं संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 की मूल भावना के खिलाफ है।
फीस से पहले ही अभिभावक परेशान
अभिभावक संघ ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में CBSE को भी पक्षकार बनाया जाएगा, क्योंकि कई निजी स्कूल CBSE से संबद्ध हैं और फीस निर्धारण में उसकी भूमिका अहम मानी जाती है। संघ को उम्मीद है कि शीर्ष अदालत में मजबूती से पक्ष रखने पर अभिभावकों को न्याय मिलेगा। इस फैसले के बाद अभिभावकों और निजी स्कूल प्रबंधन के बीच तनाव और बढ़ गया है, क्योंकि बढ़ी हुई फीस से पहले ही अभिभावक परेशान हैं।
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