छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक नगर राजिम को नगर पंचायत से अपग्रेड कर नगर पालिका का दर्जा दे दिया है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक नगर राजिम को नगर पंचायत से अपग्रेड कर नगर पालिका का दर्जा दे दिया है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित कर दी है। इस फैसले के साथ ही यह स्पष्ट किया गया है कि नगर पालिका की सीमा वही रहेगी, जो पहले नगर पंचायत की थी। इस निर्णय को राजिम के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
लंबे समय से चल रही थी मांग
राजिम को नगर पालिका बनाने की मांग स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों द्वारा लंबे समय से की जा रही थी। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर अभियान चलाया गया। सरकार के इस निर्णय के बाद शहरवासियों में खुशी का माहौल है। नगर पालिका बनने से अब राजिम को अधिक बजट मिलेगा, जिससे सड़क, पेयजल, सफाई, स्ट्रीट लाइट और अन्य शहरी सुविधाओं का विकास संभव हो सकेगा।
औपचारिक रूप से लागू हुआ निर्णय
राजिम को नगर पालिका का दर्जा देने का संकेत पहले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान दिया जा चुका था। आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के बाद इसे औपचारिक रूप से लागू कर दिया गया है। अधिसूचना जारी होने के बाद 21 दिनों तक दावा-आपत्ति की प्रक्रिया चलेगी, जिसके पूर्ण होने के बाद नगर पालिका का संचालन पूरी तरह से शुरू हो जाएगा।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
राजिम छत्तीसगढ़ के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों के संगम पर स्थित इस नगर को त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है। हर साल यहाँ राजिम कुंभ का आयोजन होता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु देशभर से आते हैं। प्रस्तावित रूप से वर्ष 2026 में 1 फरवरी से 15 फरवरी तक राजिम कुंभ का आयोजन होगा।
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