कुछ ऐसी है सुरो के सरताज की विरासत
बता दें कि किशोर कुमार मध्य प्रदेश के खंडवा में पैदा हुए थे। और उनका बचपन भी यहीं पर बीता था। वहीं उनकी विरासत आज भी खंडवा में मौजूद है। जिस घर में किशोर कुमार ने जन्म लिया था। वहां आज भी किशोर कुमार की यादें बिखरी पड़ी है। यही वो घर है जिसके आंगन में नन्हे किशोर कुमार की किलकारियां गूंजा करती थीं। इस मकान के हर हिस्से में किशोर कुमार की यादें बसी हुई हैं। लेकिन अब यह मकान पूरी तरह से जर्जर होकर गिरने की कगार पर है। हालांकि किशोर कुमार जब-तक जीवित रहे थे तब-तक इस बंगले की देखभाल हुआ करती थी। लेकिन अब छत और दीवार भी मकान का साथ छोड़ने लगी हैं। किशोर कुमार का घर उचित देख-रेख के अभाव में अब खंडहर में तब्दील होते जा रहा है। जिसको लेकर अब उनके प्रशंसकों ने बड़ी मांग की है।एक चौकीदार पर देखभाल का जिम्मा
अब इसकी देखभाल का जिम्मा सिर्फ एक चौकीदार के भरोसे है। जो पिछले चालीस सालों से किशोर कुमार के मकान की देखभाल कर रहा है। चौकीदार सीताराम को आज भी वह दिन याद है। जब किशोर कुमार खंडवा आते तो बंगले की रौनक कुछ और ही हुआ करती थी।लोगों में भी कुछ ऐसी दीवानगी देखने को मिली
खंडवा के रहने वाले संजय पंचोलिया ने अपने घर में किशोर कुमार का मंदिर बनाया है वह अपनी रोज की दिनचर्या में सबसे पहले किशोर कुमार की पूजा अगरबत्ती करके नमन करते हैं। और फिर किशोर कुमार के संगीत में लीन हो जाते हैं। इस दौरान उन्होने बताया कि किशोर कुमार जब जीवन के अंतिम अवस्था में थे तब वह एक बार खंडवा आए थे। तब मैंने भी उनके साथ कुछ पल बिताए थे। वे यही इस बंगले में बसना चाहते थे। लेकिन दुर्भाग्य से उनकी मौत हो गई।
बता दें कि स्वर्गीय किशोर कुमार की पैतृक मकान को स्मारक बनाने की मांग पिछले कई सालों से की जा रही है। वहीं खंडवा की कला प्रेमी संस्थानों ने प्रशासन से यही मांग है कि किशोर कुमार की यादों को सहेज के रखा जाए।
Written By: Sanjana Maurya
Read More: अदा शर्मा की अचानक बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में भर्ती हुई एक्ट्रेस
Comments (0)