झुमका गिरा रे बरेली के बजार में ये गाना तो आप लोगों ने कई बार सुना होगा। लेकिन क्या कभी ये सोचा कि इस गाने का आइडिया कहा से आया है। नहीं तो हम बताएंगे
दरअसल ये गाना साया फिल्म का है। और इस फिल्म में लोगों के बीच नाचती-गाती, अपने डांस का जलवा बिखेरती साधना का कोई तोड़ ही नहीं है। आशा भोंसले का गाया ये गाना आज भी लोगों की जुबान पर रहता है। लेकिन एक गाने के पीछे कितने जज्बात...कितनी ही विचारधारा लगी होती है, इस बात से अक्सर लोग अनजान रहते हैं।
गाने के पिछे की इंस्पिरेशन
दरअसल हर गाने के पीछे लेखक की कोई ना कोई इंस्पिरेशन होती है। ऐसी ही कहानी इस गाने के फिछे भी है...इन दिनों 28 जुलाई को रिलीज होने वाली फिल्म रॉकी और रानी की प्रेम कहानी चर्चा का विषय बनी हुई है। और इसी फिल्म में 'झुमका गिरा रे... का नया वर्जन देखने को हमे मिला है।जिससे हमारी पुरानी यादें ताजा हो गई है। बहरहाल आपको इस गाने के पीछे की कहानी बताते है। जो शायद ही कोई जानता होगा।
हरिवंश राय बच्चन की प्रेम कहानी
बात उस जमाने की है जब भारत का बंटवारा नहीं हुआ था. गीतकार राजा मेहंदी साहब, और हरिवंश राय बच्चन की दोस्ती बेहद खास थी। और राजा मेहंदी साहब हमेशा अपने कामकाज के सिलसिले में बरेली जाया करते थे। उसी दौर में सरदार खजान सिंह की बेटी,तेजी सूरी और जाने माने कवि हरिवंश राय बच्चन की प्रेम कहानी भी काफी चर्चा में थी।
हरिवंश राय बच्चन और तेजी की मुलाकात
लगभग 80 के दसक में हरिवंश राय बच्चन अपने काम से काफी मशहूर हो चुके थे। लेकिन इसी वक्त वो अपनी पहली पत्नी और पिता को खोने के गम से भी जूझ रहे थे। और इसी अकेलेपन को मिटाने के लिए बच्चन साहब अपनी दोस्त प्रोफेसर ज्योति प्रकाश के घर नए साल का जश्न मनाने पहुंचे थे। जहां उनकी पहली बार मुलाकात तेजी सूरी से हुई। और उन्हे देखते ही उनकी आंखे उन पर ही ठहर गई। लेकिन प्रॉबलम ये थी कि तेजी की सगाई पहले ही हो चुकी थी। हालाकि उन्हें भी इस रिश्ते की कोई खुशी नहीं थी।
लेकिन इसके बावजूद दोनों में बात बढ़ी और दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया। दरअसल, हरिवंश बच्चन ने उस पार्टी में एक कविता सुना। जिससे तेजी की आंखों में आंसू आ गए।और उन्हें रोता हुआ देख हरिवंश भी रो पड़े. उसके बाद दोनों में प्यार का इजहार हुआ। हालांकि तेजी उसके बाद लाहौर चली गईं और हरिवंश इलाहबाद की ओर निकल पड़े। लेकिन इन दोनों के प्रेम का किस्सा मशहूर हो गया।
यहां से आया गाने का आइडिया
इसके बाद लेखक राजा मेहदी साहब की एक प्रोग्राम में तेजी सूरी से मुलाकात हुई...जिसमें राजा ने तेजी से पूछा की वो दोनों शादी कब कर रहे है।जिसपर तेजी ने बड़े ही खूबसूरत तरीके से जवाब दिया. उन्होंने कहा- 'मेरा झुमका तो बरेली के बाजार में ही गिर गया था।' तेजी के कहने का मतलब था कि जैसे मैं दिल हार चुकी हूं। मैं उन्हीं की हूं। सगाई तो कर ली है जल्द ही शादी भी कर लेंगे। और तेजी की ये बात राजा साहब के दिलों दिमाग में बैठ गई। उन्हें ये लाइन इतनी भा गई कि कई सालों तक जहन में ताजा रही। इसलिए जब उन्हें मेरा साया फिल्म के बरेली शहर और प्यार के मेलजोल को लेकर गाना लिखने कहा गया तो झट से उन्होंने ये लाइनें लिख डाली।
Written By- Deepika Pandey
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