रानी मुखर्जी (Rani Mukerji) की आगामी फिल्म 'मिसेज चटर्जी वर्सज नार्वे' का ट्रेलर कुछ समय पहले रिलीज किया गया था। इस फिल्म के ट्रेलर ने सभी की आंखों में आंसू ला दिए और कहानी वाकई चौंकाने वाली है। फिल्म में रानी (Rani Mukerji) के किरदार के बच्चों को नॉर्वे चाइल्ड वेलफेयर द्वारा छीन लिया गया है क्योंकि उनके अनुसार वे अपने बच्चों की पर्याप्त देखभाल नहीं कर रही हैं। इस फिल्म से ये दर्शाया जाएगा की कैसे रानी का किरदार अपने बच्चों की खातिर देश के ढांचे से लड़ती हैं। यह फिल्म एक वास्तविक कहानी पर आधारित है। कोलकाता के एक कपल ने इस खौफनाक अनुभव को जिया है और अपने बच्चों के लिए लड़ाई लड़ी है।
सच्ची कहानी पर है आधारित
रानी मुखर्जी (Rani Mukerji) अभिनीत फिल्म 'मिसेज चटर्जी वर्सज नार्वे' कोलकाता के एक जोड़े की कहानी है। इस जोड़े का नाम अनुरूप-सागरिका भट्टाचार्य है। सागरिका ने 2007 में अनुज से शादी की थी और 2008 में उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया, जिसका नाम उन्होंने अभिज्ञान रखा। सागरिका ने 2010 में अपनी बेटी को जन्म दिया। आपको बता दें की अभिज्ञान ऑटिज़्म से पीड़ित था।
सागरिका-अनुरूप भट्टाचार्य की दर्दनाक कहानी
नॉर्वे में बच्चों से संबंधित कानून बहुत कड़े हैं। परिणामस्वरूप, उपेक्षा और मानसिक वियोग के आधार पर, नॉर्वे चाइल्ड वेलफेयर सर्विसेज ने सागरिका के दोनों बच्चों की कस्टडी ले ली। उनका कहना था कि वे बच्चों को तब वापस देंगे जब वे बच्चे 18 साल के हो जाएंगे। सागरिका की तीन साल की पीड़ा 2013 में समाप्त हुई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, वे अब कलकत्ता में रहते हैं।
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