पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री नवाब असलम रईसानी के हालिया बयान ने पाकिस्तान सरकार की चिंता को और बढ़ा दिया है। रईसानी ने कहा है कि बलूचिस्तान के अधिकांश लोग पाकिस्तान से स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं और एक बड़ा हिस्सा इस स्वतंत्रता के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रहा है। उनका यह बयान इस क्षेत्र में बढ़ती असंतोष और आजादी की मांग को दर्शाता है, जो पाकिस्तान सरकार के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन सकता है।
बलूचिस्तान के लोग चाहते हैं आजादी
बलूचिस्तान के लोग लंबे समय से पाकिस्तान से अलग होने की मांग कर रहे हैं। यह क्षेत्र ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अपने आप में एक अलग पहचान रखता है, और पाकिस्तान के अन्य हिस्सों से राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से यह क्षेत्र पिछड़ा हुआ है। स्थानीय लोग अक्सर यह आरोप लगाते हैं कि पाकिस्तान सरकार ने इस क्षेत्र के संसाधनों का शोषण किया है और यहां के लोगों को उनके अधिकार नहीं दिए हैं। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता है, जैसे गैस, तेल, खनिज, और समुद्र तट, लेकिन इन संसाधनों का अधिकांश हिस्सा पाकिस्तान की अन्य हिस्सों में भेजा जाता है, और स्थानीय लोग इनसे लाभ नहीं उठा पाते। इसके परिणामस्वरूप, बलूचिस्तान के लोग लंबे समय से स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री नवाब असलम रईसानी ने खोली पोल
पूर्व मुख्यमंत्री नवाब असलम रईसानी ने हाल ही में एक बयान में कहा, "बलूच लोगों का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान से स्वतंत्रता के पक्ष में है और वे इस दिशा में सक्रिय रूप से कदम उठा रहे हैं।" रईसानी के अनुसार, बलूचिस्तान में मौजूदा राष्ट्रवादी दलों का प्रभाव बहुत सीमित हो गया है, और इन दलों ने अपनी राजनीतिक महत्वता खो दी है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान सरकार ने बलूचों के अधिकारों की उपेक्षा की है और उनका शोषण किया है, जिससे इस क्षेत्र में असंतोष बढ़ा है।
Comments (0)