अमेरिका ने को रूस, भारत, चीन और 12 से अधिक अन्य देशों की 398 कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। यह कदम उन कंपनियों की गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है जो रूस के युद्ध प्रयासों में सहायता कर रही हैं और उसे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से बचने में मदद कर रही हैं। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग और विदेश मंत्रालय ने यह कार्रवाई की है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उन "तीसरे पक्ष के देशों" को दंडित करना है, जो रूसी सरकार को सामग्री सहायता प्रदान कर रहे हैं या जिन्होंने रूस को लगाए गए हजारों प्रतिबंधों को दरकिनार करने में मदद की है। इन प्रतिबंधों को रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से लागू किया गया था, जो फरवरी 2022 में शुरू हुआ।
इन प्रतिबंधित कंपनियों में विभिन्न क्षेत्रों की फर्में शामिल हैं, जैसे कि सैन्य उपकरणों का उत्पादन, प्रौद्योगिकी, और ऊर्जा सेवाएं। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इन कंपनियों की गतिविधियाँ रूस की सैन्य क्षमताओं को मजबूत करती हैं और अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन करती हैं। नया प्रतिबंध उन कंपनियों के लिए एक चेतावनी है जो रूस के साथ व्यापार करने का विचार कर रही हैं। अमेरिका ने पहले भी कई देशों को चेतावनी दी थी कि वे रूस के साथ व्यापार करते समय सावधान रहें, क्योंकि इससे उन्हें भी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
अमेरिका ने रूस, भारत, चीन और 12 से अधिक अन्य देशों की 398 कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं।
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