HIV महामारी को समाप्त करने की दिशा में वैश्विक प्रयासों को एक गंभीर झटका लग सकता है। एक नए अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि यदि HIV रोकथाम और उपचार कार्यक्रमों के लिए अंतर्राष्ट्रीय फंडिंग में की जा रही कटौती पर काबू नहीं पाया गया, तो 2030 तक 10 मिलियन से ज्यादा नए एचआईवी संक्रमण और लगभग 30 लाख मौतें हो सकती हैं। यह अध्ययन लैंसेट एचआईवी जर्नल में प्रकाशित हुआ है और इसे ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न स्थित बर्नेट इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने किया है।
फंडिंग में कटौती का खतरनाक असर
स्टडी में यह बताया गया है कि प्रमुख दाताओं जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और नीदरलैंड द्वारा 8 से 70 प्रतिशत तक की सहायता कटौती के बाद, HIV रोकथाम और उपचार कार्यक्रमों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ये पांच देश वैश्विक एचआईवी सहायता का 90 प्रतिशत से अधिक योगदान करते हैं। विशेष रूप से, यदि ये कटौतियाँ बनी रहती हैं तो 2025 से 2030 के बीच 4.4 से 10.8 मिलियन नए HIV संक्रमण और 770,000 से 2.9 मिलियन मौतों का खतरा पैदा हो सकता है। बर्नेट इंस्टीट्यूट की सह-अध्यक्ष डॉ. डेबरा टेन ब्रिंक ने कहा, "अमेरिका ने HIV उपचार और रोकथाम के लिए सबसे बड़ा योगदान दिया है, और अब फंडिंग में कमी से एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी और एचआईवी परीक्षण जैसी जरूरी सेवाओं तक पहुंच में बाधा आ रही है।"
अफ्रीका और हाशिए पर रहने वाले समूहों पर गंभीर असर
अध्ययन के निष्कर्षों में यह भी सामने आया कि उप-सहारा अफ्रीका और हाशिए पर रहने वाले समूह जैसे ड्रग्स का इंजेक्शन लगाने वाले लोग, यौनकर्मी, और पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुष सबसे अधिक प्रभावित होंगे। इसके अलावा, कंडोम वितरण और प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PrEP) जैसी रोकथाम सेवाओं में भी कमी आ सकती है।
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