अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 5 फरवरी को एक कार्यकारी आदेश जारी किया, जिसमें ट्रांसजेंडर लड़कियों और महिलाओं को महिला खेल टीमों में शामिल होने से रोकने की बात कही गई है। यह आदेश एक लंबे समय से चल रहे कानूनी विवाद के बीच आया है, जिसमें कई राज्यों ने पहले ही इसी तरह के प्रतिबंध लागू किए हैं। इससे पहले ट्रंप ने ट्रांसजेंडर्स को लेकर एक और कार्यकारी आदेश जारी किया था। जिसमें रक्षा सचिव पीट हेगसेथ को ट्रांसजेंडर सैनिकों पर पेंटागन की नीति को संशोधित करने का निर्देश दिया गया, जिससे भविष्य में उनकी भर्ती पर प्रतिबंध लगने की संभावना है।
क्यों लिया गया फैसला?
अमेरिका में इस मुद्दे पर कोई संघीय कानून नहीं है लेकिन 20 से ज्यादा रिपब्लिकन-शासित राज्यों ने ऐसे कानून पास किए हैं जो ट्रांसजेंडर लड़कियों को महिला खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने से रोकते हैं। इन कानूनों के समर्थकों का कहना है कि महिला खेलों में निष्पक्षता बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है, क्योंकि ट्रांसजेंडर एथलीट्स को जैविक लाभ हो सकता है। दूसरी तरफ विरोधियों का कहना है कि यह भेदभावपूर्ण है और सभी ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को स्वाभाविक रूप से कोई शारीरिक लाभ नहीं होता।
सुप्रीम कोर्ट का दे सकते हैं हवाला
इस आदेश के खिलाफ कानूनी चुनौतियां आने की संभावना है, जैसा कि राज्य कानूनों के खिलाफ पहले से हो रहा है। ट्रांसजेंडर एथलीट और उनके परिवार अदालत में यह तर्क दे सकते हैं कि यह आदेश अमेरिकी संविधान के तहत समान संरक्षण के अधिकार और 'Title IX' का उल्लंघन करता है। वे 2020 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दे सकते हैं, जिसमें कहा गया था कि ट्रांसजेंडर लोगों के साथ भेदभाव लिंग आधारित भेदभाव माना जाएगा, जो कि संघीय कानून के तहत प्रतिबंधित है।
Comments (0)