वॉशिंगटन, भारत को एफ-16 फाइटर जेट बेचने में नाकाम रहा अमेरिका अब नापाक हरकतें करने में जुट गया है। भारत ने अपने स्वदेशी तेजस फाइटर जेट के लिए अमेरिका की कंपनी जीई के साथ GE-414 इंजन की डील की थी। अमेरिकी कंपनी कई महीने से तेजस फाइटर जेट के लिए इंजन की आपूर्ति को टाल रही है। जीई का दावा है कि उसे कलपुर्जें हासिल करने में दिक्कत हो रही है। जीई के लगातार देरी की वजह से भारत के फाइटर जेट की प्लानिंग ही गड़बड़ा रही है। वह भी तब जब पाकिस्तान और चीन जैसे दुश्मन देश लगातार पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट बनारहे हैं। अब जीई ने भारत से एक और बड़ी मांग कर डाली है। जीई का कहना है कि भारत को इस समझौते के लिए 5 करोड़ डॉलर ज्यादा देना होगा।
जीई की इस मांग के बाद भारत से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स का एक दल अमेरिका जा रहा है। इस यात्रा पर अमेरिकी कंपनी के अधिकारियों से भारतीय दल GE-414 इंजन पर बातचीत करेगा। भारत चाहता है कि वित्तीय वर्ष के खत्म होने से पहले मार्च तक इस समझौते पर हस्ताक्षर कर लिया जाए। भारत जीई के साथ 99 GE-414 इंजन के लिए डील करना चाहता है। यह संख्या बढ़ सकती है, अगर इस इंजन को भारत के पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट के लिए चुन लिया जाता है।
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