हमास ने गाजा में संघर्ष विराम समझौते के तहत चार महिला इजरायली सैनिकों को अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस को सौंप दिया।सैनिक-करीना एरीव, डेनिएला गिल्बोआ, नामा लेवी और लिरी अलबाग-को 477 दिनों तक बंदी बनाकर रखा गया था। उनकी रिहाई इज़रायल और फ़िलिस्तीनी गुटों के बीच कैदी विनिमय समझौते का हिस्सा थी। सैनिकों को गाजा में एक सैन्य अभियान के दौरान पकड़ा गया था और अब वे अपने परिवारों के पास लौट आए हैं।
इस अदला-बदली में इज़रायली जेलों से 200 फ़िलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया गया। रिहा किए गए लोगों में हमास, इस्लामिक जिहाद और पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ़ फ़िलिस्तीन (PFLP) के सदस्य शामिल थे, जिनमें से कई लंबी सज़ा काट रहे थे। यह अदला-बदली इज़रायल और गाजा के बीच चल रहे संघर्ष में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है।
कैदी अदला-बदली का विवरण
इस समझौते को मिस्र और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा सुगम बनाया गया था, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में तनाव को कम करना था। इस समझौते में आगे कीशत्रुता को रोकने के लिए युद्ध विराम समझौता भी शामिल था। यह पहली बार नहींहै जब इस तरह का आदान-प्रदान हुआ है।
कैद की पृष्ठभूमि
सैनिकों को 7 जुलाई, 2023 को गाजा शहर में एक सैन्य-शैली के ऑपरेशन के दौरान पकड़ा गया था। उनकी रिहाई तक उन्हें उनके अपहरणकर्ताओं ने कठोर परिस्थितियों में रखा था। इस अवधि के दौरान बंदियों और उनके परिवारोंके बीच संचार को सुविधाजनक बनाने में रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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