रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ रहे तनाव को देखते हुए नाटो समूह के तीन देशों ने अलर्ट जारी कर दिया है। हाल ही में मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलों को चलाने की इजाजत दी थी। जिसके तुरंत बाद यूक्रेन ने रूस के कुछ इलाकों पर इन अमेरिकी हथियारों से हमला कर दिया था। यूक्रेन के इस कार्रवाई से दोनों देशों के बीच आग और भी ज्यादा भड़क गई है। और इस आग की आंच रूस की सीमा से सटे तीन नाटो देशों तक भी पहुंच गई है।
अलर्ट जारी कर दिया
दरअसल, नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) समूह के तीन देश नॉर्वे, फिनलैंड और डेनमार्क ने अपने-अपने देशों में युद्ध अलर्ट जारी कर दिया है। यह तीनों देश रूस की सीमा के काफी करीब है जिसकी वजह से अगर युद्ध होती है तो इन्हें भी नुकसान पहुंच सकता है। तीनों देशों ने अपने नागरिकों को जरूरत के वक्त काम आने वाले सामानों का स्टॉक में रखने और सैनिकों को बचाव कार्य और जंग के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही तीनों देशों के नागरिकों को सरकार की ओर से परमाणु युद्ध के दौरान विकिरण से बचने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाली आयोडीन की गोलियां भी पास में रखने के आदेश दिए गए हैं।
रूस के सबसे नजदीक नॉर्वे ने जारी की अलर्ट
आपको बता दें, नाटो के संस्थापक देशों में से एक नॉर्वे रूस के महज 195 किलोमीटर दूर है। ऐसी स्थिति में अगर रूस पर परमाणु हमले होते हैं तो इसका असर नॉर्वे पर भी पड़ेगा। इसे मद्देनजर रखते हुए वहां की सरकार ने अपने नागरिकों को पर्चे बांटकर युद्ध की स्थिति के लिए चेताया है।
बुकलेट जारी कर दिया निर्देश
नाटो समूह में शामिल हुए सबसे नए देश स्वीडन ने भी अपनी आवाम के बीच जंग के लिए तैयार रहने को कहा है। हालांकि, स्वीडन रूस की सीमा से सटा नहीं है। लेकिन फिर भी उसने 'इन केस ऑफ क्राइसिस ऑफ वॉर' नामक एक बुकलेट रीलीज की है। इसमें उन्होंने अपने नागरिकों को जंग की स्थिति में कम से कम 72 घंटों का भोजन, पीने का पानी और जरूरी दवाओं को स्टोर करने का निर्देश दिया है।
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