बांग्लादेश में शेख हसीना की सत्ता के तख्तापलट के बाद बनी मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार एक से बढ़कर एक कट्टरपंथी फैसले ले रही है। बता दें कि, अब यूनुस सरकार बांग्लादेश के संस्थापक के रूप में पहचान रखने वाले शेख मुजीबुर्रहमान की तस्वीर बांग्लादेशी नोटों से हटाने का फैसला किया है।
नए नोटों में शेख मुजीबुर रहमान की फोटो नहीं होगी
मिली जानकारी के अनुसार, बांग्लादेश की बैंक में नए नोट छापे जा रहे हैं, जिसमें इसी साल जुलाई महीने में हुए छात्र आंदोलन की झलक को शामिल किया जाएगा। ये घोषणा उस मीडिया रिपोर्ट के कुछ ही सप्ताह बाद आई है, जिसमें कहा गया था कि, मोहम्मद यूनुस के कार्यालय से शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर हटा दी गई है। वहीं केंद्रीय बैंक के अनुसार, 20, 100, 500 और 1,000 टाका के नोटों की छपाई अंतरिम सरकार के निर्देशों पर की जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘नए नोटों में ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान की फोटो नहीं होगी।
विद्रोह की विशेषताओं वाले नए नोट छापना शुरू
एक रिपोर्ट के अनुसर, बांग्लादेश बैंक ने जुलाई में हुए विद्रोह की विशेषताओं वाले नए नोट छापना शुरू कर दिया है, जो शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ छात्रों की ओर से किए गए आरक्षण विरोधी विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थे। आपको बता दें कि, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के निर्देश के अनुसार, केंद्रीय बैंक ने कहा कि, 20, 100, 500 और 1000 टका के बैंक नोट छापे जा रहे हैं।
छह महीनों के भीतर नए नोट बाजार में आ जाएंगे
वहीं इस संबंध में बांग्लादेश बैंक की प्रवक्ता हुस्नेरा शिखा ने बताया है कि, मुद्रण की प्रक्रिया काफी आगे बढ़ चुकी है। मुझे उम्मीद है कि, अगले छह महीनों के भीतर नए नोट बाजार में जारी किए जा सकते हैं। नए नोटों में धार्मिक संरचनाएं, बंगाली परंपराएं और जुलाई के आंदोलन के दौरान बनाए गए ‘ग्रैफिटी’ को शामिल किया जाएगा। इनके अलावा बांग्लादेश बैंक की कार्यकारी निदेशक हुशनारा शिखा ने बताया है कि, आशा है कि, नए नोट अगले छह महीने के भीतर बाजार में जारी किए जा सकेंगे।
वर्तमान नोटों से मुजीबुर रहमान की छवि हटाई जाएगी
बैंक और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया है कि, वर्तमान नोटों से ‘बंगबंधु’ मुजीबुर रहमान की छवि हटाई जाएगी। शुरुआत में इन चार नोटों के डिज़ाइन को बदला जा रहा है, और अन्य नोटों को चरणों में फिर से डिज़ाइन किया जाएगा। आपको बता दें कि, आंदोलन के दौरान भी मुजीबुर्रहमान की प्रतिमाओं को प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया था। उनकी प्रतिमाओं और दीवारों पर उनकी छवि वाली मूर्तियों को निशाना बनाया गया था जब शेख हसीना देश छोड़कर भारत आ गई थीं।
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